कोटद्वार में भ्रष्टाचार की सारी हदें पार। मेयर और विधायक दोनो का कोटद्वार पर नहीं ध्यान

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अवनीश अग्निहोत्री (कोटद्वार) कोटद्वार में सड़कों के बुरे हाल, बिना पार्किंग का कोटद्वार बाजार, बस अड्डा निर्माण, बेरोजगारी और अपराध का बढ़ते ग्राफ को देखकर कोटद्वार की जनता का भरोसा मेयर और विधायक दोनो से उठता जा रहा है। वही तहसील में भी चल रहा है महा भ्रष्टचार। अधिकारियों के सामने जिंदा व्यक्ति को मृत दिखाकर और मृत व्यक्ति को जिंदा दिखाकर फर्जी रजिस्ट्री हो रही है। अनुसूचित जाति की जमीनें गैर कानूनी रूप से बेची जा रही है पर इसमें शामिल अधिकारियों पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

वही कुछ दिन पहले हुई बारिश से पुल टूटने और भारी नुकसान होने के बाद एक बार फिर रात में धड़ल्ले से अवैध खनन शुरू हो चुका है।

खनन कारोबारियों के मुखबिर झंडाचौक, तहसील, कोतवाली और डीएफओ ऑफिस के सामने सुबह 3 बजे से बैठ जाते है पर पुलिस इनसे ये नही पूछती की बेवजह भीड़ लगाकर क्यों इतनी सुबह आकर बैठ जाते है। दरअसल कोटद्वार के कुछ अधिकारी ऐसे हो चुके है जो सरकार से काम करने का पैसा लेते है और खनन माफियाओं से काम ना करने का, चुप रहने का पैसा लेते है। साथ ही खनन में इस्तेमाल होने वाले ट्रेक्टर ट्रॉली प्राइवेट नंबर के होते है जो वाहन का कर्मशियल इस्तेमाल करते है और इसके बाद भी पुलिस और परिवहन विभाग इन पर कोई कार्यवाही नहीं करता। हैरानी की बात है की इतना बड़ा भ्रष्टाचार देखकर भी विधायक ऋतु खंडूड़ी और मेयर हेमलता नेगी कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं। इतना ही नहीं मालन नदी पुल टूटने और नदियों तक अतिक्रमण होने से हुए नुकसान के दौरान भी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जिससे भ्रष्टाचार साफ दिखाई देता है। ऐसे में कोटद्वार की जनता का विश्वास कानून व्यवस्था पर कम होता जा रहा है साथ ही मेयर और विधायक से भी भरोसा उठ चुका है।

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