कोटद्वार : राजकीय बेस चिकित्सालय में समय से नहीं बैठ रहे चिकित्सक, मरीज परेशान

 
कोटद्वार (गौरव गोदियाल)। राजकीय बेस चिकित्सालय, कोटद्वार में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। जहां समय से चिकित्सक नहीं बैठ रहे हैं। ओपीडी सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक होती है। इसको लेकर बुधवार को पड़ताल की गई तो हकीकत सामने आ गई। सभी डाक्टर लगभग आठ से साढ़े आठ बजे तक चिकित्सालय पहुंचे किंतु इसके बाद रोजाना की तरह सीएमएस कार्यालय में एक घंटे या उससे अधिक मीटिंग चलती रहती है। जिस कारण चिकित्सक ओपीडी में साढ़े नौ या दस बजे तक पहुंच पाते हैं जबकि मरीज को यह ज्ञात होता है कि डाक्टर साहब ठीक आठ बजे ओपीडी में बैठ जाएंगे जिस कारण मरीज सात बजे ही अस्पताल में पहुंच जा रहे हैं । लेकिन डाक्टरों को मरीजों के परेशानी से कोई वास्ता नहीं दिखता है। 
बेस अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई है। ओपीडी में एक भी डॉक्टर समय पर नहीं बैठते। घंटों तक मरीज डॉक्टर का इंतजार करके वापस लौट आते हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों को प्राइवेट या झोलाछाप डॉक्टरों पर इलाज कराने को मजबूर हो रहा है, जबकि इस समय कोटद्वार में डेंगू का प्रकोप चरम सीमा पर है । इमरजेंसी में सारे मरीज पहुंच रहे हैं जिस कारण यदि कोई इमरजेंसी केश आ जाएं तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। जबकि एक माह पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश ने बेस चिकित्सालय का निरीक्षण किया था ।  इस दौरान सचिव को अस्पताल में काफी अव्यवस्थाएं मिली जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए दो चिकित्सकों का वेतन रोकने के आदेश दिए थे व सीएमएस कोटद्वार और सीएमओ पौड़ी को भी नोटिस दिए गए थे। इसके बाद भी अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है । स्थानीय लोगों का कहना है कि सचिव या जिलाधिकारी महोदय को समय समय पर चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की पड़ताल करनी चाहिए ताकि अस्पताल की व्यवस्था सुगम एवं सुचारू बनी रहे ।
बुधवार सुबह गोविन्द नगर निवासी अमित कुमार अपनी पत्नी का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे जहां ओपीडी में सुबह नौ बजे तक कोई डाक्टर नहीं बैठे थे जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को इमरजेंसी में दिखाया । वहीं भदालीखाल से पहुंचे सुभाष नौटियाल ने बताया कि मैं अपने पुत्र का मेडिकल बनाने अस्पताल गया था सुबह नौ बजे तक सभी डाक्टर सीएमएस कार्यालय में बैठे थे । दस बजे बाद ही मेरा मेडिकल बन पाया ।
वहीं जब इस संबंध में सीएमओ पौड़ी डॉ प्रवीन कुमार ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है । यदि ऐसी बात है तो सीएमएस कोटद्वार को बता दिया जाएगा व अन्य चिकित्सकों को समय पर ओपीडी में बैठने के निर्देश दे दिए जाएंगे ।