कोटद्वार नगर का लकड़ी पड़ाव चोरी की लकड़ी काटने, बेचने और उन्हें ठिकाने लगाने का सबसे बड़ा अड्डा है। पौड़ी जनपद में पहाड़ों के हरे भरे जंगलों में बिना परमिशन आरी चलाने वालों की वन विभाग के कुछ अधिकारियों से हुई सांठ गांठ के चलते अवैध कटान का सारा माल यही आता है। जिस पर वन विभाग चुप्पी साधे बैठा रहता है, हा ये बात अलग है की बड़े अधिकारियों को दिखाने के लिए कभी कभी निरीक्षण और छोटी मोटी कार्यवाही भी कर दी जाती होगी। स्तिथि ये है की ज्यादातर आरा मशीनों में कटने वाली लकड़ियों का कोई लेखा जोखा नही होता। और आज लकड़ी पड़ाव में लकड़ी के दो-तीन ठेकेदार तो ऐसे है की उनका हर रिश्तेदार लकड़ी के कारोबार से जुड़ चुका है और हरे भरे पहाड़ों को बंजर बनाने पर लग चुका है। इन्ही में से कुछ ठेकेदारों के पास वन विभाग के फर्नीचर बनाने, भवन बनाने जैसे काम भी है जो अधिकारियों को हर तरह से खुश रखते है और मिल बांटकर सरकार को चुना लगाते है साथ ही प्रकृति को भी भारी नुकसान पहुंचाते है। साथ ही ये भी बता दें की कोटद्वार में दो बार हो चुकी चंदन के पेड़ों की तस्करी में भी इनका हाथ होने की आशंका जताई गई है लेकिन जब तक विभाग के चुनिंदा भ्रष्ट अधिकारियों का हाथ इनके सिर पर है तब तक ये यूं ही अवैध रूप से पेड़ों के कटान करते रहेंगे। और हरे भरे पहाड़ों को खत्म करते रहेंगे।