बिजनौर में 13 साल की लड़की ने 2 छोटी बहनों को मौत के घाट उतारा। ज्यादा बच्चे, गरीबी और सौतेलापन बना वजह

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जनपद बिजनौर में नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव गोहावर जैत में दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम दिया गया। यह घटना देर रात उस समय घटी जब घर में मां के साथ पांच बहनें व एक छोटा भाई सो रहा था। वहीं, डबल मर्डर की सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके से दो बहनों के शव मिले, जिनमें मृतका पवित्रा (5 वर्ष) व रितु उर्फ रिया (7 वर्ष) बताई जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास कई तथ्यों की जांच पड़ताल की। घटना के बाद 13 वर्षीय आरोपी लड़की ने पुलिस के सामने अपना जुर्म भी स्वीकार किया है। दरअसल, पुलिस को भी यह विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर इस उम्र में कोई लड़की अपनी दोनो छोटी बहनों को कैसे मार सकती है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी किशोरी के सौतेले पिता शाम को काम पर चले गए थे। उसके कुछ देर तक उसने फोन देखा। रात में करीब सवा दस बजे पास में ही उसकी बहन पवित्रा और रिया सोई हुई थी। तभी आरोपी किशोरी ने दुपट्टे से पहले रिया और फिर पवित्रा का गला घोंट दिया। इस वारदात ने दोनों मासूम उठ भी नहीं सकी और दम घुट गया। हालांकि पास में ही इनकी मां भी सोई हुई थी, जिसकी भी आंख नहीं खुली। बताया गया कि 11 साल पहले किशोरी की मां ने दूसरी शादी कर ली थी, उस वक्त आरोपी महज तीन साल की थी। अब दूसरे पिता से पांच बच्चे हुए। इसी बीच किशोरी को लगता था कि उसके सौतेले पिता अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करते हैं। इसके साथ ही मां अक्सर बीमार रहती थी, ऐसे में काम के बोझ और छोटे बच्चों की देखभाल में बड़ी बेटी यानि आरोपी किशोरी लगी रहती थी। माना जा रहा है कि किशोरी ने इसी से परेशान होकर यह खौफनाक कदम उठा लिया।

नूरपुर कोतवाल अमित कुमार ने बताया कि आरोपी किशोरी दसवीं में पढ़ती है। मगर, परिवार की आर्थिक तंगी के कारण उसे भी कभी कभी डेढ़ सौ रुपये दिहाड़ी की मजदूरी पर जाना पड़ता था। पिछले साल आरोपी किशोरी के पिता ने बेटे के जस्टौन के लिए पांच हजार रुपया उधार लिया था, उसे भी परिवार चुकता नहीं कर पाया। आर्थिक तंगी से परिवार घिरा हुआ था। एक दिन पहले तक जिस घर में छह भाई बहन आपस में प्रेम से रहते थे, वहीं बीती रात मासूमों की बड़ी बहन ही छोटी बहनों के लिए काल बन गई। अपनी बहन के हाथों ही जान गंवाने वाली मासूम रितु व पवित्रा को ये भी अहसास नहीं होगा कि उन्हें अपने साथ खाना खिलाने वाली उनकी देख भाल करनी वाली बड़ी बहन ही उन्हें मौत की नींद सुला देगी। चार बहनों और डेढ़ साल के भाई की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी बड़ी बहन के कंधों पर थी।

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