हरिद्वार : जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को विकास भवन के सभागार में हरिद्वार नगरीय क्षेत्रान्तर्गत जल भराव की समस्या के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में श्रीमन्त वेंकटेश्वर इण्टर प्राइजेज एण्ड फीडबैक इंफ्रा प्रा0लि0 पुणे के अधिकारियों ने नगरीय क्षेत्रों में कहां-कहा पर जल भराव की समस्या है, के सम्बन्ध में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने फीडबैक इंफ्रा प्रा0लि0 के अधिकारियों से भगत सिंह चौक, रानीपुर मोड़, ज्वालापुर आदि क्षेत्रों का कितना गाउण्ड लेबलिंग तथा कितना बेड लेबलिंग है, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली।
फीडबैक इंफ्रा प्रा0लि0 के अधिकारियों ने हरिद्वार शहर को जल भराव से मुक्ति दिलाने के लिये विभिन्न विकल्पों के सम्बन्ध में जानकारी दी। प्रथम विकल्प के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि भगत सिंह चौक पर जो इधर-उधर का पानी भरता है, उसे हम ज्वालापुर में स्थापित पम्पिंग स्टेशन तक पहुंचायेंगे, जहां से ट्रीटमेंट प्लाण्ट में उसे ट्रीट करके नहर में छोड़ा जायेगा। दूसरे विकल्प के तौर पर फर्म के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि भगत सिंह चौक व रानीपुर मोड़ के आसपास का जितना भी पानी इकट्ठा होता है, उसे साइफन विधि से गंग नहर को क्रास करके वर्तमान सिल्ट इजेक्टर वाली नहर में छोड़ दिया जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर कि इन पर कितना व्यय अनुमानित है, तो फर्म के अधिकारियों ने बताया कि 65 करोड़ के आसपास इसमें लागत आयेगी। इस पर जिलाधिकारी ने फर्म को निर्देशित किया कि इन दोनों विकल्पों का प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एमएनए दयानन्द सरस्वती, एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, ईई सिंचाई मंजू, ईई पीएल नौटियाल, ईई जल संस्थान आरके चौहान, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एसपी सिंह, एएसओ डॉ. अजीत सिंह, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत, आरसी गुप्ता, पीएस पंवार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर कि इन पर कितना व्यय अनुमानित है, तो फर्म के अधिकारियों ने बताया कि 65 करोड़ के आसपास इसमें लागत आयेगी। इस पर जिलाधिकारी ने फर्म को निर्देशित किया कि इन दोनों विकल्पों का प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एमएनए दयानन्द सरस्वती, एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, ईई सिंचाई मंजू, ईई पीएल नौटियाल, ईई जल संस्थान आरके चौहान, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एसपी सिंह, एएसओ डॉ. अजीत सिंह, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत, आरसी गुप्ता, पीएस पंवार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।