सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने हल्द्वानी में अस्पतालों का किया औचक निरीक्षण, डेंगू मरीजों की जांच की धीमी गति पर जतायी कड़ी नाराजगी, अधिकारियों को लगाई फटकार

 
हल्द्वानी/देहरादून। डेंगू नियंत्रण अभियान की हकीकत जानने सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर आर राजेश कुमार आजकल प्रदेश के दौरे पर हैं।  देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी जनपद के कोटद्वार के बाद आज स्वास्थ्य सचिव का काफिला कुमाऊ मंडल नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर पहुँचा। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने आज हल्द्वानी का दौरा किया। उन्होंने डेंगू से निपटने के लिए किये जा रहे इंतजामों का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए की गयी व्यवस्थाओं पर नाराजगी जतायी और व्यवस्थाएं दुरस्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि डेंगू के मरीज के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।
बेस अस्पताल हल्द्वानी का निरीक्षण करते हुए सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा आईसीयू का संचालन न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई । अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द आईसीयू को चलाने के निर्देश मौके पर दिए गए। सचिव स्वस्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बेस हॉस्पिटल पर वार्ड में जाकर मरीजों का हाल जाना अस्पताल प्रशासन को किसी भी मरीज के उपचार मैं कोई लापरवाही न हो इसके निर्देश दिये गये। उनके द्वारा द्वारा डेंगू वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, डायलिसिस यूनिट, ब्लड बैंक का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि डेंगू के उपचार के लिये निजी व सरकारी चिकित्सालय पर आयुष्मान कार्ड द्वारा भी  उपचार प्रदान किया जाएगा। जिसके निर्देश अधिकारियो को दे दिये गये है । 
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने डेंगू जांचों की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की । उन्होंने अधिकारियों को जांचों में तेजी लाने के निर्देश दिए। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा अधिकारी कागज पर पेन कम चलकर थोड़ा जांचों में तेजी लाएं जिससे मरीज को समय पर सही इलाज मिल सके। स्वास्थ्य सचिव ने मरीजों और लोगों से भी अस्पताल में व्याप्त सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने पूरे प्रदेश के अंदर डेंगू के 307 मामले एक्टिव है। उन्होंने बताया डेंगू को लेकर अस्पताल में बेड्स पूरी तरह से उपलब्ध हैं, उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से किसी को भी प्लेटलेट्स नहीं दी जाएगी, जरूरत पड़ने पर ही मरीज को प्लेटलेट्स दी जाएगी, डेंगू पर जो भी इलाज है, उसे अस्पताल द्वारा ठीक तरीके से नहीं किया जाएगा तो ₹50000 से लेकर ₹200000 तक का जुर्माना लगाने के प्रावधान बनाए गए हैं, स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश की डेंगू के मामलों को लापरवाही नहीं बरती जाएगी, जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल या सरकारी हॉस्पिटल लापरवाही करेगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को  यह निर्देश दिए गए हैं कि वह बराबर डेंगू पर अपनी नजर बनाए रखें और डेंगू के मामले को लेकर शासन को लगातार अवगत कराए, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में अधिक पैसा लिए जाने पर भी उन्होंने कहा की रेट निर्धारित किए गए हैं, अधिक रेट लिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी, मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्रधानाचार्य डॉ. अरुण जोशी, डॉ. टिट्याल, चिकित्सा अधीक्षक सुशीला तिवारी अस्पताल, डॉ. मनोज कांडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. सविता ह्यांकी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बेस चिकित्सा हल्द्वानी, डॉ. ऊषा जंगपांगी महिला चिकित्सालय हल्द्वानी भी मौजूद थे।