कोटद्वार कोतवाली पुलिस अपने कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है। अब नया मामला कोटद्वार नगर निगम में गैंग बनाकर 1 करोड़ से ज्यादा का गबन करने का चर्चाओं में आया है। पूर्व में हुए इस मुकदमे में SSP स्वेता चौबे के निर्देश पर पुलिस ने अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की है लेकिन मीडिया को दी गई जानकारी में कोटद्वार कोतवाली पुलिस द्वारा पुलिस ने प्रेस नोट में केवल तीन ही लोगों की सूचना दी है बाकी आरोपियों के लिए अन्य शब्द इस्तेमाल किया गया है। जबकि हर बार पुलिस प्रत्येक अभियुक्त की पूरी जानकारी देती थी। इस मामले में पुलिस ने अभियुक्त 1. पकंज रावत पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिहं रावत, निवासी- सिताबपुर, थाना कोटद्वार 2. श्रीमती सुमिता देवी पत्नी स्व0 राजेन्द्र सिहं चौधरी, निवासी-बड़थ्वाल कलोनी पदमपुर सुखरौ, थाना कोटद्वार 3. नीरज रावत पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिहं रावत, निवासी-आमपड़ाव, थाना कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल की तो पूरी जानकारी दी है लेकिन अन्य आरोपी अहसान अहमद पुत्र अकबर निवासी आम पड़ाव कोटद्वार। कुलदीप कांबोज पुत्र राजपाल निवासी गाड़ीघाट कोटद्वार। राजपाल पुत्र बुच्चा सिंह निवासी गाड़ीघाट कोटद्वार। रमेश चंद्र चौधरी पुत्र रामचंद्र चौधरी निवासी कालागढ़ का नाम FIR में होने के बाद भी मीडियाकर्मियों और जनता से छुपाया गया। इसके पीछे पुलिस का क्या स्वार्थ या क्या मजबूरी थी ये तो कोटद्वार कोतवाली पुलिस की बता सकती है।