उत्तराखंड में तहसील स्तर पर जन समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करने के लिए शासन द्वारा तहसील दिवस के आयोजन की व्यवस्था की गई है, जिसमें विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति भी अनिवार्य की गई है। लेकिन कोटद्वार तहसील में फरियादियों की समस्याओं का निराकरण तो दूर, तहसील में अधिकारियों की उपस्थिति का भी सवाल बन गया है। आपको बता दे कोटद्वार में तहसील दिवस के आयोजन पर चार फरयादियों को 2 घंटे तक अधिकारियों का इंतजार करना पड़ा, लेकिन अधिकारियों ने तहसील परिसर में समय से कदम रखने की जहमत तक नहीं उठाई। आखिरकार फरियादियों ने तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी उमेश चंद्र पंथारी को अपनी शिकायतें थमाई और घर लौट चलें। फरियादियों में से तीन फरियादी राजस्व विभाग की शिकायतें लेकर पहुंचे थे जबकि एक खाद्य विभाग से संबंधित शिकायत थी। कोटद्वार तहसील के अधिकारियों का ये रवैया आमजन की एक और समस्या बन चुका है। तहसील विभागीय अधिकारियों को तहसील दिवस को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि फरियादी आस लगाकर ही इन कार्यक्रमों में पहुंचते हैं इसलिए अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ आगे आकर जनता की तकलीफों का समाधान करना चाहिए।