नगर निगम कोटद्वार की लापरवाही और राजनैतिक दबाव के चलते गोखले मार्ग पर अतिक्रमण फिर शुरू हो गया। स्तिथि ये है कि नगर निगम के अधिकारियों को जिस दिन सड़क पर घूमने का मन करता है तो उस दिन अतिक्रमण हटवाने के नाम पर सड़कों पर घूमने निकल जाते है। और ये अतिक्रमण 5 से 10 मिनट तक हटने के बाद फिर उसी हालत में दिखता है। इन अधिकारियों की आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके चलते शहर के हजारों लोगों के बारे में न सोचकर केवल चंद अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुचाने पर लगे हुए है। यहां तक कि स्टेशन रोड से गोखले मार्ग की ओर जाते समय थोक में अंडे बेचने वाले दुकानदारों के कारण आसपास दुर्गंध होने से बीमारी फैलने का खतरा तक बना रहता है, कुछ समय पहले स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी फैलने पर भी इनके ऊपर कोई लगाम नही लगाई गई थी ऐसे में ये अंडा व्यापारी बीमारी का कारण तो बन ही सकते है साथ ही धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुचाने का काम भी कर रहे है क्योंकि उसी स्थान पर वे ग्राहक भी फल सब्जी की खरीदारी करने आते है जो शाकाहारी होते है और अंडा व मीट जैसे पदार्थों से दूर रहते है। ऐसे में आसपास के लोगों द्वारा लगातार ये मांग की जा रही है कि ये दुकानें मीट मार्किट में ही शिफ्ट की जाए जिससे बाकी लोगों को दिक्कत न हो