कोटद्वार। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) कोटद्वार भावना पांडेय की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में दोषी को छह माह का कारावास और 2.30 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि में 2.25 लाख रुपये परिवादी बैंक को प्रतिकर के रूप में अदा करेगा। जबकि शेष 5,000 रुपये राज्य सरकार के खाते में जमा होगी। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
परिवादी के अधिवक्ता आशुतोष कंडवाल और प्रकाश नेगी ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक शाखा रतनपुर कुंभीचौड़ के शाखा प्रबंधक की ओर से अदालत में परिवाद दायर किया गया था। इसमें कहा गया कि आरोपी सरफराज अहमद निवासी विकासनगर गाड़ीघाट ने उनके बैंक से दो लाख रुपये का ऋण लिया था। आरोपी ने बैंक को किस्तों में ऋण चुकाने का वादा किया था। उसने अनुबंध के मुताबिक ऋण की अदायगी नहीं की। एक फरवरी, 2018 तक आरोपी पर बैंक का मय ब्याज के 2,10,757 रुपये बकाया हो गया। बैंक के तकाजे के बाद आरोपी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा कोटद्वार स्थित अपने बचत खाते का चेक परिवादी बैंक को दिया। बैंक ने चेक को भुगतान के लिए एक फरवरी, 2018 को लगाया, लेकिन चेक बाउंस हो गया। इस पर परिवादी बैंक ने अधिवक्ता के माध्यम से 17 फरवरी, 2018 को आरोपी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा, लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी उसने धनराशि अदा नहीं की। बैंक ने आरोपी के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया। बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) कोटद्वार भावना पांडेय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और मामले की परिस्थितियों के तहत आरोपी को चेक बाउंस का दोषी पाते हुए सजा सुनाई।