एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कोटद्वार कोर्ट ने वर्ष 2019 में सिमलचौड़ में हुए शेखर चंद्र ढौंडियाल हत्याकांड के मामले में दो आरोपियों को हत्या के अपराध में दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। देहरादून निवासी यतीशचंद्र ढौंडियाल ने 14 अगस्त, 2019 को कोतवाली पुलिस को इस हत्याकांड में तहरीर दी थी। जिसमें कहा गया कि उसका छोटा भाई शेखर चंद्र ढौंडियाल (46) एक माह से कोटद्वार में रहकर शिव केबल नेटवर्क में काम रहा था। 13 अगस्त, 2019 की शाम शिव केबल नेटवर्क के सिमलचौड़ स्थित कंट्रोल रूम में बाइक में सवार होकर आए दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। तब पुलिस की कई टीमें इस हत्याकांड को सुलझाने में लगी। जिसके बाद कोटद्वार से लेकर यूपी और हरिद्वार तक सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस खंगालने के बाद पुलिस ने हत्यारोपी आरोपी मोनू मलिक व भरतवीर दोनो निवासी नारसन कलां थाना मंगलौर जिला हरिद्वार को 27 अगस्त, 2019 को गिरफ्तार कर लिया था। विवेचना में विकासनगर निवासी रुपेश त्यागी और रूड़की निवासी नरेंद्र वाल्मीकि का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 23 गवाह पेश किए गए थे।न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर मामले में शूटर मोनू मलिक और भरतवीर को हत्या के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई। उन्होंने मोनू मलिक को धारा 25 आर्म्स एक्ट के आरोप में दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में रुपेश त्यागी व नरेंद्र वाल्मीकि को भी हत्या और आपराधिक षडयंत्र के आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है।