हरिद्वार : जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट में राजस्व संसाधनों की वृद्धि तथा करापवंचन रोकने के सम्बन्ध में गठित जिला स्तरीय राजस्व सम्वर्द्धन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने बैठक में वन विभाग के अधिकारियों से माह में वसूल राजस्व के सम्बन्ध में जानकारी ली तो अधिकारियों ने बताया कि माह में वसूल राजस्व 36..26 लाख रूपये की रही। इस पर जिलाधिकारी ने कम वसूली का कारण पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि इधर लकड़ी के लाट का काम न होने से प्रगति धीमी रही, जिसकी प्रक्रिया को माह दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जायेगा। बैठक में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने सितम्बर माह में वसूल राजस्व के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये बताया कि माह में वसूल राजस्व 3539.98 लाख रूपये है, जो गत वर्ष आलोच्य माह में प्राप्त राजस्व 3456.07 लाख की तुलना में अधिक है।
बैठक में जिलाधिकारी ने एआरटीओ हरिद्वार व रूड़की से जनपद में कुल कितने वाहन संचालित हो रहे हैं तथा टैक्स के रूप में उनसे कितनी राजस्व की प्राप्ति हो रही है तथा राजस्व बढ़ाने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी लेते हुये वर्तमान राजस्व वसूली के बारे में भी पूछा। इस पर अधिकारियों ने जिलाधिकारी को राजस्व वसूली के सम्बन्ध में अवगत कराया कि हरिद्वार व रूड़की में माह में वसूल राजस्व क्रमशः 42.82 तथा 45 प्रतिशत रही है।
जिलाधिकारी को बैठक में निबन्धन विभाग के अधिकारियों ने ट्रस्ट की सम्पत्ति, सोसाइटी की सम्पत्ति, स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस, सेल डीड, लीज, दुकानों का रजिस्ट्रेशन आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि निबन्धन विभाग का माह में वसूल राजस्व 42.79 करोड़ रूपये रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने निबन्धन विभाग के अधिकारियों से कहा कि राजस्व बढ़ोत्तरी के लिये निबन्धन विभाग के क्या सुझाव हो सकते हैं, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर यह देखने में आता है कि अगर कोई एक वर्ष से कम समय के लिये मकान किराये पर लेता है, तो मकान मालिक व किरायेदार 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट कर लेते हैं, जबकि उसका कुल कितना किराया है, उस अनुसार दो प्रतिशत के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी लगनी चाहिये। इसके अलावा एक साल से अधिक समय के लिये किराये पर मकान आदि लिया जा रहा है,तो उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी है तथा उसी अनुसार उस पर स्टाम्प ड्यूटी लगेगी। इसका अगर कड़ाई से पालन हो जाये तो राजस्व में वृद्धि हो सकती है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसका पूरा ध्यान रखा जाये।
बैठक में जिलाधिकारी ने राज्य कर, रोडवेज हरिद्वार व रूड़की, खनन विभाग, सिंचाई आदि विभागों की राजस्व वसूली आदि की विस्तृत समीक्षा की तथा भविष्य में राजस्व बढ़ोत्तरी के सम्बन्ध में सभी विभागों को दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी, डिप्टी कलक्टर मनीष सिंह, एसडीएम लक्सर गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम भगवानपुर जितेन्द्र कुमार, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, जिला खनन अधिकारी प्रदीप कुमार, एआरटीओ रश्मि पन्त, कुलवन्त सिंह, एसीएफ वन विभाग संदीपा शर्मा, नवल किशोर, निबन्धन विभाग, राज्य कर, विद्युत, रोडवेज, सिंचाई सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।