बिजनौर में 60 साल बाद मिली बिछड़ी बहन, अब बांधेगी भाई को राखी, 9 साल की उम्र में मेले में हुई थी गायब

बिजनौर में 60 साल पहले गंगा स्नान मेले में परिवार से बिछड़ गई बालेश देवी उर्फ मुन्नी देवी अब अपने परिवार से मिल गई हैं। इस रक्षाबंधन पर वह अपने बुजुर्ग भाई जगदीश सिंह को पहली बार राखी बांधेंगी। बिजनौर कोतवाली शहर क्षेत्र के कम्भौर गांव की रहने वाली बालेश देवी, जिनका नाम अब रेशमा देवी है, 60 साल पहले अपने भतीजे नरेश सिंह के मुंडन समारोह में परिवार के साथ गंगा स्नान मेले में गई थीं। उस समय उनकी उम्र मात्र 9 वर्ष थी। वहां हुए हंगामे में वह अपने परिवार से बिछड़ गईं। मुन्नी देवी के अनुसार, मेले में एक महिला ने उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें किसी अन्य व्यक्ति को सौंप दिया। वे उन्हें फर्रुखाबाद ले गए। वहां उनकी शादी सरोली गांव निवासी अमन सिंह से करा दी गई। मुन्नी देवी ने कई बार अपने पति और पिता से बिजनौर जाकर अपने परिवार से मिलने का अनुरोध किया। अब उनके पोते प्रशांत ने दादी की बात सुनी और उनका पैतृक घर ढूंढने का फैसला किया। वह दो दिन पहले बिजनौर के गांव कंभौर पहुंचा और मुन्नी देवी के भाई जगदीश सिंह से मिला। प्रशांत ने दादी मुन्नी की फोन पर वीडियो कॉल कर उनके भाई जगदीश सिंह से बात कराई। इस तरह 60 साल बाद बहन-भाई का मिलन हुआ।

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