खुद को किसान बताकर किसान यूनियन का कार्ड बनाकर टोल बचाने वालों की संख्या अब कोटद्वार में भी बढ़ने लगी है। इस यूनियन की न कोई बैठक कोटद्वार में होती है न ही स्थानीय प्रशासन के पास इनका कोई रिकॉर्ड है।
लेकिन जैसे ही देहरादून या अन्य स्थानों पर टोल प्लाजा आता है तो ये लग्जरी कार वाले एक सेकेंड में किसान बन जाते है और कार्ड दिखाकर टोल बचा लेते है। और फिर कुछ ही दूरी पर राज्य और केंद्र सरकार की बुराई करते हुए कहते है कि सरकार हमारे टैक्स से करती ही क्या है न अच्छी सड़के न अन्य सुविधाएं… ऐसे में कोटद्वार में किसान यूनियन के फर्जी कार्ड बनाकर इस्तेमाल करने वालों पर प्रशासन जल्द कार्यवाही कर सकता है।