बिजनौर में 13 साल के मासूम के अपहरण और हत्या मामले में नाबालिग आरोपी और अब बालिग होने पर मिली आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा

यूपी के जनपद बिजनौर में विशेष न्यायाधीश बालक न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) कल्पना पांडे ने 13 वर्षीय वासु की फिरौती के लिए हुए अपहरण एवं हत्या में दोषी पाते हुए एक किशोर को आजीवन कारावास एवं एक लाख दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। थाना कोतवाली शहर के ग्राम रामपुर बकली निवासी सुनील कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि उसका 13 वर्षीय बेटा वासु 14 जुलाई 2016 को स्कूल की छुट्टी के बाद रिक्शा से घर के लिए चला था। मगर, घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने रिक्शा चालक महबूब पर शक जताया था कि उसने किसी परिचित व्यक्ति के साथ मिलकर वासु को गायब कर दिया। पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि करगिल पेट्रोल पंप के पास एक मोटरसाइकिल वाला वासु को बैठा कर ले गया था। वासु उसे मामा बता रहा था। 16 जुलाई 2016 को सुनील के पास फोन आया कि अपने लड़के वासु की सलामती चाहते हो तो 10 लाख का इंतजाम कर लो। 18 जुलाई तक जब फिर फोन नहीं आया तो उसने यह बात पुलिस को बताई और अपने बेटे की तलाश में जुटा रहा।

कुछ लोगों ने उसे बताया कि उन्होंने बक्शी वाला में राहुल और राजकुमार के साथ वासु को जाते देखा है। 27 अगस्त को सुनील को पुलिस ने थाने बुलाया था। वहां राहुल और राजकुमार को बैठा देखा था। राजकुमार उसका भांजा है। दोनों ने बताया था कि उन्होंने वासु की हत्या कर दी है। उसके भांजे राजकुमार और राहुल ने वासु का शव एक खेत से बरामद कराया था। शव कंकाल के रूप में था, जिसकी उन्होंने पहचान की थी। इस हत्याकांड में उनके सहयोगी रहे लोकेश ने 27 अगस्त को ही स्कूल बैग बरामद कराया था।

पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि वासु की हत्या उसके ममेरे भाई राजकुमार ने अपने साथियों लोकेश, राहुल व नाबालिग के साथ मिलकर की थी। कल इस मामले में चौथे आरोपी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जो घटना के वक्त नाबालिग था जिसकी उम्र 16 वर्ष थी लेकिन अब वो करीब 25 वर्ष का है जिसे आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस मामले में तीन लोगों को पहले हो चुकी है उम्रकैद की सजा।

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