उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र अंथवाल ने पौड़ी जनपद के पर्यटन और धार्मिक स्थलों के संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को पत्र लिखा हैं जिसमे कहा की देवभूमि उत्तराखण्ड में बहुत से प्रसिद्ध एवं प्राचीन धार्मिक व रमणीक स्थल विद्यमान है तथा जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालू एवं पर्यटक तीर्थाटन एवं घूमने आते हैं।प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किए जाने के लिए राज्य पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे सभी प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर उन्हें पहले से अधिक सुविधा सम्पन्न बनाया जा रहा है, जो कि बहुत ही सराहनीय है। इससे उत्तराखण्ड में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के और अधिक अवसर प्राप्त होगें तथा पहाड़ों से पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे पूर्व पर्यटन विभाग द्वारा प्रसिद्ध सिद्धपीठ एवं तीर्थ स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक सुविधा सम्पन्न बनाये जाने हेतु उन्हें पर्यटन सर्किट में सम्मिलित किया गया था, जिसमें भी ज्वाल्पाधाम जैसे प्रसिद्ध सिद्धपीठ को सम्मिलित नहीं किया गया है। बताया की पौड़ी जनपद, राज्य का सबसे बड़ा जनपद है, लेकिन राज्य पर्यटन विभाग द्वारा जनपद के किसी भी स्थल को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने हेतु चिन्हित नहीं किया गया है। जबकि जनपद-पौड़ी में स्वर्गाश्रम, खिर्सू, लैन्सडौन, थलीसैण, धूमाकोट, ज्वाल्पाधाम, डांडा-नागराजा, ताड़केश्वर, धारी देवी, सीता सर्किट, सिद्धबली, कण्वाश्रम, चरेक डांडा आदि बहुत से ऐसे प्रसिद्ध एवं प्राचीन धार्मिक व रमणीक स्थल विद्यमान है, जिन्हें वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया जा सकता है। इसलिए उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किए जाने के लिए चिहिन्त स्थलों में पौड़ी जनपद के उक्त प्रमुख स्थलों को भी सम्मिलित करने की बात कही है।