लैंसडाउन : श्री देवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबंधित राजकीय महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापक जिनका नेट/सेट के आधार पर चयन हुआ है, बड़ी संख्या में श्री देवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की परिसीमा के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत हैं। विदित है कि प्राध्यापकों के प्रोन्नत होने के लिए पीएचडी होना अनिवार्य है, अतः चयनित सहायक प्राध्यापकों के लिए भी पी एच डी उपाधि ग्रहण करने की व्यवस्था होनी चाहिए , ताकि वे स्वयं भी शोध अधिगम प्रक्रिया में दक्ष हो सकें साथ ही अन्य शोधार्थियों का निर्देशन भी भविष्य में कर सकें।
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों ने श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय से निवेदन किया कि विभीन्न राज्यों के विश्विद्यालयों ने अपने प्राध्यापकों को शोध व शिक्षण सम्बन्धी दोहरे कर्तव्यों को एक साथ निर्वहन हेतु प्री पीएचडी कोर्स वर्क ऑनलाइन करने की सुविधा प्रदान की है। जिससे महाविद्यालयों में NEP सेमेस्टर पद्धति में अध्यनरत छात्र- छात्राओं की कक्षाएं निर्बाध रूप से संचालित हो सके l इसी क्रम में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों को भी ऑनलाइन प्री पीएचडी कोर्स करने की अनुमति प्रदान करने अनुमति दे जिससे महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के दैनिक कार्यों का निदान भी हो सके जिसमें उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, प्रश्न पत्र तैयार करना, और सेमेस्टर पद्धति के अंतर्गत 6 महीने की छात्र-छात्राओं की कक्षाओं का संचालन करना निर्बाध रूप से किया जा सके ।
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