चंबा: चंबा में कल भूस्खलन के कारण मलबे में पांच जिंदगियां दफन हो गई। कहते हैं कि जब मौत आती है, तो बहाने ढूंढ ही लेती है। लेकिन, मौत के बहाने लोगों के परिवार बर्बाद कर देती है। ऐसे जख्म देती है, जिनका दर्द लोगों को उम्रभर कचोटता रहता है। रह-रह कर उनको भीतर से जख्म देते रहता है। ऐसा कुछ चंबा में भी हुआ। बेटी जब पहली बार अपने दुदमुहें बच्चे के साथ मायके आती है, तो जश्न का माहौल रता है। उत्सव मनाया जाता है। पूरा परिवार स्वागत की तैयारियां करके रखता है। सपने संजोता है। बच्चे के नए-नए कपड़े उसके नाना-नानी, मामा-मामी और मौसी पहले से ही खरीदकर रखते हैं। लेकिन, पूनम के परिवार वालों की खुशियां को ऐसा ग्रहण लगा, जो शायद कभी हटे ही ना।
अपने चार माह के बच्चे के साथ पहली बार मायके जा रही पूनम की खुशियां आधे रास्ते में ही दफन हो गई। बच्चों को लेकर ससुराल जा रहे सुमन खंडूड़ी चंबा में पुलिस थाने के पास कार खड़ी कर बजार सामान लेने गए थे। कुछ देर बाद लौटे तो वहां मलबे का ढेर लगा था।पूनम की बहन सरस्वती को भी मौत खींचकर अपनी छोटी बहन की कार तक ले आई। सरस्वती अपनी बहन और उसके नवजात बच्चे को दुलार करने वहां पहुंची थी। वो बच्चे को दुलार कर ही रही थी कि ऊपर से मलबा उनकी कार पर आग गिरा और सबकुछ मलबे में तब्दील हो गया। इस हादसे ने तजीन परिवारों की खुशियों को पलभर में छीन लिया। सफनों को मलबे के ढेर में दफन कर दिया। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना…हर कोई बस यही कहता नजर आया कि भगवान ऐसा किसी के साथ ना करे।