देहरादून : पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखंड मुख्तार मोहसीन द्वारा समस्त जनपदों के पुलिस अधीक्षक / अपर पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपाधीक्षक यातायात व यातायात निरीक्षक के साथ राज्य की यातायात व्यवस्था संबंधी विषयों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई जिसमें सभी जनपदों की यातायात व्यवस्था ,प्रवर्तन(Enforcement) की कार्यवाही एवं यातायात जागरुकता पर किये गये कार्यों की समीक्षा की गई।
जिसमें निम्नलिखित दिशा निर्देश दिए गए-
- इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का आंकलन किया गया तो इसमें सबसे ज्यादा मुख्य कारण वाहनों का ओवरस्पीड/रैश ड्राईविंग में चलाना पाया गया जो कि कुल सड़क दुर्घटनाओं का 76% है। दूसरा मुख्य कारण गलत दिशा में वाहन चलाना पाया गया जो कि 08% है एवं तीसरा मुख्य कारण गलत तरीके से ओवरटेक है जो कि 3% है राज्य में तीनों कारणों से कुल 87% सड़क दुर्घटनाएं घटित हो रही है । निदेशक यातायात द्वारा उक्त में निर्देश दिये गये है कि इन तीनों कारणों पर लगातार संयुक्त अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही की जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकें।
- यातायात निदेशालय द्वारा आगामी 15 अगस्त 2023 से दो अभियानों को चलाने के निर्देश दिये गये है जिसमें पहला फर्जी नम्बर प्लेट पर कार्यवाही एवं दूसरा ISI मार्का हेलमेट एवं तीसरा शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्व चलाने के निर्देश दिये गये है। इन अभियानों को चलाये जाने का मुख्य कारण इसलिए है कि आमलोगों द्वारा अक्सर चालान होने के पश्चात दर्शाया जा रहा है कि उनका वाहन अपने घर पर होता है उनका चालान कहीं ओर हो जाता है । सम्भवतःजिससे प्रतीत होता है कि ऐसे प्रकरण में फर्जी नम्बर प्लेट का प्रयोग किया जा रहा है। जिस पर समय रहते कठोर कार्यवाही की जानी आवश्यक है। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में हेलमेट का खराब क्वालिटी का होना और ज्यादा खतरनाक साबित होता है। आम लोगों को ISI मार्का हेलमेट का प्रयोग करने हेतु जागरुक करें एवं अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये है।
- समस्त जनपदों में यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी जवान उपलब्ध कराये जा रहै है चूकिं पूर्व में होमगार्ड जवान यातायात व्यवस्था में काफी अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते थे। होमगार्ड जवानों की यातायात व्य़वस्था में अच्छी जानकारी के कारण यातायात का संचालन अच्छे तरीके से करते है।उसी प्रकार पीआरडी जवान अभी इस फील्ड में नये है जिन्हें यातायात व्य़वस्था का प्रशिक्षण कराया जाना अतिआवश्यक है ताकि यातायात व्य़वस्था सुचारु रुप से चल सकें। इसलिए समस्त जनपदों को निर्देंश दिये गये है कि पीआडी जवानों को कम से कम 07 दिवस का यातायात संचालन का उचित प्रशिक्षण कराने के उपरान्त ही चौराहों/तिराहों एवं अन्य यातायात व्यवस्था ड्यूटी पर लगाया जाए।
- नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर होने वाली कार्यवाही में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बेहतर कार्यवाही हुई है जहां पिछले वर्ष 84 पर कार्यवाही की गई थी वहीं इस वर्ष 384 नाबालिग के वाहन चलाने पर कार्यवाही की गई है।
- सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ों के आंकलन एवं विश्लेषण के लिए भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे एप i-RAD App चलाया जा रहा है । i-RAD App से सम्बन्धित प्रशिक्षण एवं समस्याओं के लिए जनपदों में DRM(District Role out Manager) नियुक्त किये गये है । जनपदों को निर्देश दिये गये है कि इन्हें प्रत्येक Crime Meeting में बुलाया जाए ताकि समस्त सड़क दुर्घटनाओं के विवेचक एप से सम्बन्धित जानकारी प्रदान कर सके एवं एप से सम्बन्धित आने वाली समस्याओं का निदान कर सकें।