ताड़का वध के साथ ही जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा पंडाल

 
कोटद्वार । श्री बाल रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित हो रही रामलीला के तीसरे दिन विश्वामित्र यज्ञ, ताड़का वध, मारिच सुबाहू वध का मंचन किया गया । प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि विश्वामित्र यज्ञ कर रहे। राक्षस वहां पर उत्पात मचा देते हैं। विश्वामित्र महाराज दशरथ के दरबार में पहुंचते हैं। उनकी रक्षा के लिए राम लक्ष्मण को मांग कर ले जाते हैं। विश्वामित्र राम लक्ष्मण को विभिन्न प्रकार की शिक्षाएं देने के बाद बताते हैं कि वह देखो तड़का आ रही है, जो ऋषि मुनियों के यज्ञ को भंग करती है, इसे मारना अति आवश्यक है ।ताड़का और राम का युद्ध होता है। ताड़का मारी जाती है। जिस पर पूरा पंडाल जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। जब उसके दोनों पुत्र मारिच सुबाहू बदला लेने के लिए आते हैं तो वे भी मारे जाते हैं।