कोटद्वार पी.जी. कॉलेज में धूमधाम से मनाई गई डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जयंती

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आज पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी। डाँ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जयंती का शुभारंभ प्राचार्य डी. एस. नेगी जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने सम्बोधन में प्राचार्य नेगी ने डॉ बड़थ्वाल की साहित्य साधना के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि डॉ बड़थ्वाल की साहित्य के प्रति अपार रुचि थी और इसी वज़ह से उनको बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय तथा लखनऊ विश्वविद्यालय ने उनके अध्यापन की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। हिन्दी विभाग प्रभारी डॉ मीरा कुमारी ने डॉ बड़थ्वाल की जीवनी और साहित्य से अवगत कराया उन्होंने कहा कि बड़थ्वाल के गद्य साहित्य को अनेकों विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है। उनके सम्पूर्ण साहित्य को समेटना बहुत कठिन कार्य है डॉ कपिल देव थपलियाल ने अपने वक्तव्य में कहा है कि अपने जीवन के अल्पकाल में बड़थ्वाल ने जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं वे सरल नहीं है बल्कि बहुत अधिक प्रेरणादायक हैं। डॉ विजयलक्ष्मी ने कहा कि डॉ बड़थ्वाल शुक्ल और श्याम सुंदर दास की परम्परा के साहित्यकार है। हिंदी साहित्य में उनका योगदान अविस्मरणीय है। डॉ पीतांबर दत्त बड़थ्वाल के जन्म दिवस के अवसर पर महाविद्यालय से प्रो. वासंतिका कश्यप, प्रो पी एन यादव, प्रो आर एस चौहान, प्रो आदेश कुमार, प्रो वी सी शाह, डॉ अभिषेक गोयल, डॉ राखी डिमरी, डॉ प्रवीन जोशी, डॉ जुनीश कुमार, डॉ सुशील बहुगुणा, डॉ संदीप कुमार, डॉ अजीत सिंह, डॉ चंद्र प्रभा कंडवाल, डॉ सुमन सिंह राणा,डॉ रोशनी असवाल,डॉ चंद्रप्रभा भारती, डॉ मीनाक्षी वर्मा, डॉ हीरा सिंह, डॉ दया किशन जोशी, डॉ संदीप किमोठी आदि प्राध्यापक एवम अनीता धस्माना, डॉ अर्चना भंडारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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