पौड़ी जनपद में कोटद्वार कोतवाली के कोतवाल मणि भूषण श्रीवास्तव डीजीपी अभिनव कुमार और एसएसपी स्वेता चौबे की ईमानदार और बेदाग छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, आए दिन इनके किस्से सुनकर तो लगता है जैसे ये अपने ही विभाग की छवि को खराब करने के लिए कोई षड्यंत्र रच रहे हो। नगर की स्थिति ये है की पिछले कुछ समय से चोरी की घटनाए लगातार बढ़ी है और इनमे से ज्यादातर चोरिया कोतवाली के आसपास ही हो रही है, कौड़ियां चेकपोस्ट पर रात में माल वाहनों से होने वाली अवैध वसूली का समय रात में पहले के मुकाबले और जल्दी शुरू होने लगा है। इतना ही नहीं बीते 3 जनवरी को बदरीनाथ मार्ग निवासी एक युवती अपने घर से गायब हो गई और परिजन जब गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे तो कोतवाल साहब कहते है की बालिग लड़की कही भी जा सकती है हम इसमें क्या कर सकते है। बीते दिसंबर माह में हुए सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव में भंडारा और सजावट के लिए आवश्यक वाहनों के मंदिर में जाने के पास बनाने में भी कोतवाल साहब कोतवाली में ही बहस करते रहे । कोतवाल साहब न तो कभी पुलिस द्वारा किए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में दिखते है और न ही कोटद्वार की ज्यादातर जनता ने अपने कोतवाल की शक्ल तक देखी है, क्योंकि कोतवाल साहब किसी भी कार्यक्रम में जनता के बीच कभी दिखते ही नहीं। वही सूत्रों के अनुसार इनके कार्यकाल में कोतवाली में दलालों की मौज आ गई है 4-5 दलाल दिन रात कोतवाल साहब के आसपास भटकते रहते है और कोतवाली के गेट पर लोगों को पकड़कर डील कर लेते है। ये दलाल तहरीर रिसीव कराने का चार्ज, मुकदमा दर्ज कराने का चार्ज और गिरफ्तारी कराने तक का चार्ज गेट पर ही तय कर लेते है और इस तरह कोटद्वार कोतवाली भारतीय संविधान और कानून के हिसाब से नही बल्कि कोतवाल मणि भूषण श्रीवास्तव के हिसाब से चल रही है।