प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल के 29 वर्षीय डाक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शनिवार रात अस्पताल परिसर में खड़ी अपनी कार में वह अचेत मिले। आनन-फानन उन्हें मेडिसिन आइसीयू में उपचार के लिए ले जाया गया, लेकिन उनकी सांस थम गई।
खबर पाकर पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर पूछताछ और छानबीन की। डाक्टरों के बीच आत्महत्या की चर्चा है। पुलिस को भी खुदकशी की सूचना दी गई थी। उत्तराखंड के कोटद्वार, अपर कालाबड़ निवासी डा. कृष्ण कुमार श्रीवास्तव के बेटे कार्तिकेय एसआरएन के हड्डी रोग विभाग में जेआर-2 थे।
वह जार्जटाउन स्थित एक फ्लैट में अपने पिता व मां प्रतिभा के साथ रहते थे। शनिवार सुबह वह आपरेशन थियेटर में ड्यूटी पर गए थे। फिर अपने साथी से कहा कि तबीयत ठीक नहीं है और एक इंजेक्शन लगवाकर चले गए थे। कुछ घंटे बाद साथी डाक्टरों ने मोबाइल पर काल किया, लेकिन रिसीव नहीं हुई।
इस पर सभी खोजबीन में जुट गए। रात में कार्यालय अधीक्षक के सामने कार पार्किंग में वह अपनी कार में अचेत मिले। जांच में कार के भीतर से मसल्स को रिलैक्स करने वाला इंजेक्शन वैक्रोमियम मिला है। इसे आपरेशन के दौरान मरीज पर इस्तेमाल किया जाता है।
डीसीपी सिटी अभिषेक भारती के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तहरीर के आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी। एसआरएन के प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा.अजय सक्सेना ने कहा कि डा. कार्तिकेय की मौत का कारण अभी नहीं पता है, जानकारी की जा रही है।
गौरतलब है कि चिकित्सक कार्तिकेय श्रीवास्तव के पिता प्रो के के श्रीवास्तव ने कोटद्वार महाविद्यालय सहित अन्य कालेज में शिक्षण कार्य किया। वे प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए। डॉ कार्तिकेय की मां प्रतिभा श्रीवास्तव ने कोटद्वार में वकालत की। कोटद्वार के अपर कालाबढ़ में आवास है। इन दिनों वे बेटे के पास प्रयागराज में रह रहे थे। डॉ कार्तिकेय के आकस्मिक निधन से कोटद्वार के शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।