हरिद्वार : जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को विकास भवन के सभागार में वीके त्यागी बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में एनजीटी(मा0 नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) नई दिल्ली द्वारा सोनाली नदी के सन्दर्भ में पारित आदेश दिनांक 05 जुलाई,2023 के अनुपालन के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) नई दिल्ली द्वारा सोनाली नदी के सन्दर्भ में पारित आदेश कि सोनाली नदी का कौन सा क्षेत्र उत्तराखण्ड तथा कौन सा क्षेत्र उत्तर प्रदेश में पड़ता है, की पहचान व सीमांकन करना, सोनाली नदी और उसके जल ग्रहण क्षेत्र का जीर्णोद्धार व जल प्रबन्धन करना, यदि सोनाली नदी में कहीं पर अतिक्रमण है, तो उसे हटाया जाना तथा सोनाली नदी की बहाली व पुनरूद्धार के लिये उपचारात्मक उपाय किये जाने आदि के सम्बन्ध में विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में जिलाधिकारी को अधिकारियों ने सोनाली नदी के कौन-कौन से क्षेत्र उत्तराखण्ड में पड़ते हैं तथा कौन से क्षेत्र उत्तर प्रदेश में पड़ते हैं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। सोनाली नदी में जो भी पानी जाये, वह परिष्कृत होकर जाये, इसके लिये कहां पर एसटीपी प्लाण्ट स्थापित किया जा सकता है तथा उसके लिये कितनी भूमि की आवश्यकता होगी, पर भी विचार-विमर्श हुआ। सुरक्षात्मक उपाय के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि जहां-जहां पर सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे, वे कर दिये जायेंगे। जिलाधिकारी द्वारा सोनाली नदी में अतिक्रमण के सम्बन्ध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि कहीं पर भी अतिक्रमण होना नहीं पाया गया।
बैठक में सोनाली नदी के दोनों तटों पर पौंधा रोपण के सम्बन्ध में व्यापक चर्चा हुई, जिस पर जिलाधिकारी ने बांस के पौंधे रोपित करने पर जोर दिया ताकि तटों पर मिट्टी का कटाव न हो सके। उन्होंने कहा कि नामामि गंगे, स्वयं सेवी संस्थाओं, ग्रीन मैन आफ इण्डिया के माध्यम से सोनाली नदी के तटों पर पौंधारोपण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि सोनाली नदी में कहां-कहां पर खनन होता है, उसे भी चिह्नित कर लिया जाये तथा ऐसे क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक पौंधारोपण किया जाये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एमएनए दयानन्द सरस्वती, एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, ईई सिंचाई मंजू, ईई पीएल नौटियाल, ईई जल संस्थान आरके चौहान, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एसपी सिंह, एएसओ डॉ. अजीत सिंह, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत, आरसी गुप्ता, पीएस पंवार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।