नई दिल्ली : देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही. उन्होंने पहली बुराई भ्रष्टाचार को बताया. प्रधानमंत्री का कहना है कि देश की हर समस्या की जड़ में भ्रष्टाचार है और इसने दीमक की तरह देश की सारी व्यवस्था और सामर्थ्य को नोंच लिया है. भ्रष्टाचार को नासूर बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार से मुक्ति, भ्रष्टाचार से जंग में मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा.’
दूसरी बुराई प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद की बताई. उन्होंने कहा कि परिवारवाद ने देश को जिस तरह जकड़कर रखा है, उससे देश के लोगों का हक छिन गया है. पीएम मोदी ने तीसरी तुष्टिकरण की बताई. उन्होंने कहा कि इस तुष्टिकरण ने देश के मूलभूत चिंतन को और देश के राष्ट्रीय चरित्र को तहस-नहस कर दिया है. इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया. उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा.
भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाना होगा नफरत का माहौल
इन बुराइयों का सामना करने के लिए तरीका बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा. जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा. भ्रष्टाचार के दानव को कुचलने के लिए अपने प्रयासों के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 साल में उन्होंने बेनामी के नाम पर पैसे ले रहे 10 करोड़ लोगों को रोका है. भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त करने के मामले में 20 गुना बढ़त हुई है. पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं.
परिवारवाद और तुष्टिकरण है बीमारी, लोकतंत्र के लिए खतरा
प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद और तुष्टिकरण को देश का दुर्भाग्य बताया. उन्होंने इन दो बुराइयों के लिए राजनीतिक दलों पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र में ऐसी विकृति आई है, जो कभी भी उसे मजबूत नहीं होने दे सकती. प्रधानमंत्री ने बताया कि ये विकृति या बीमारी है परिवारवादी पार्टियां. पीएम मोदी का कहना है कि इन पार्टियों का तो मंत्र ही होता है परिवार का, परिवार द्वारा, परिवार के लिए ही काम करना. परिवारवाद पर हमलावर होते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि परिवारवाद के कारण योग्यता को नकार दिया जाता है, इसलिए लोकतंत्र की मजबूती के लिए इससे मुक्ति जरूरी है. परिवारवाद के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तुष्टिकरण की तीसरी बीमारी पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे ज्यादा नुकसान किया है. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति, तुष्टिकरण की सोच, तुष्टिकरण की सरकारी योजना का तरीके ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया.
2047 तक विकसित भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से संबोधन करते हुए लोगों से अपील की कि अगर देश को 2047 में विकसित भारत बनने के सपने को साकार करना है तो हमें किसी भी हालत में इन तीनों बुराइयों को हराना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारा दायित्व है कि हम आने वाली पीढ़ी को समृद्ध, संतुलित और सामाजिक न्याय की धरोहर वाला देश दें, ताकि छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्हें संघर्ष न करना पड़े.