उत्तराखंड ने खनन सुधारों में हासिल किए 7 में से 6 मानक सुधार के मानकों को लागू करने में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर केन्द्र की 100 -100 करोड़ प्रोत्साहन राशि दो बार मिलने से राष्ट्रीय स्तर पर मिली सराहना

खनन क्षेत्र में लगातार सुधारों और पारदर्शी नीतियों के चलते उत्तराखंड को कल ही केंद्र सरकार से 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली थी। इससे पहले भी 100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिली थी।दरअसल राज्य ने खनन सुधारों के भारत सरकार द्वारा निर्धारित 7 में से 6 पैरामीटर्स का शत-प्रतिशत अनुपालन किया है।

 

*ये 6 मानक पूरे किए गए हैं:*

1. राज्य में नई लघु खनिज नीति लागू करना।

2. लघु खनिजों के अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (SMET) की स्थापना।

3. लघु खनिज ब्लॉकों के आवंटन के लिए नीलामी प्रणाली लागू करना, जिसके तहत

– 7 सिलिका सैंड ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू,

– 2 ब्लॉकों की सफल नीलामी,

– 239 नदी तल सामग्री लॉटों में से 165 की नीलामी पूर्ण।

4. लघु खनिजों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करना।

5. खदान बंदी प्रावधान और निगरानी तंत्र स्थापित करना।

6. कम से कम 3 लघु खनिजों का सर्वेक्षण, मानचित्रण और अन्वेषण पूरा करना।

 

सातवां मानक, पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देशों पर आधारित संशोधित डीएमएफ नियमों को भी राज्य कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है, जिसकी अंतिम अधिसूचना की प्रक्रिया प्रगति पर है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, नीलामी आधारित आवंटन और व्यवसाय-हितैषी नीतियों ने राज्य की आय में वृद्धि की है।

 

केंद्र सरकार की समीक्षा रिपोर्ट में भी माना गया है कि उत्तराखंड ने खनन सुधारों को सबसे तेज गति से लागू किया है। इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि जारी की गई है।

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