देहरादून : सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार शैलेश कुमार सिंह,की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक सचिवालय परिसर स्थित मुख्य सचिव सभागार में की गयी। विभाग का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों एवं रोजगार में वृद्धि, बुनियादी ढांचे एवं गरिमापूर्ण आवासीय सुविधा के विकास द्वारा गरीबी उन्मूलन हेतु बहुआयामी रणनीति के माध्यम से समग्र सत्त एवं समावेशी विकास करना है। विभागान्तर्गत केन्द्र पोषित योजनायें राज्य पोषित एवं वाह्य सहायतित परियोजना संचालित हैं, जिन पर विस्तृत चर्चा की गयी तथा प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत किया गया।
महात्मा गाँधी नरेगा की समीक्षा में मिशन अमृत सरोवर में लक्ष्य के सापेक्ष 129 प्रतिशत की प्रगति पर राज्य को बधाई दी गयी, साथ ही जनपद चम्पावत में 4 सरोवर शेष रहने के विषय में सचिव भारत सरकार को आश्वासन दिया गया कि यदि सरोवर जोड़ने का विकल्प पुनः खुल जाता है तो तत्काल लक्ष्य पूरा कर लिया जायेगा। सचिव द्वारा सोशल ऑडिट को अधिक विस्तारित किये जाने और उसकी गुणवत्ता बढ़ाये जाने की अपेक्षा की गई। निदेशक सोशल ऑडिट द्वारा फण्ड समय पर निर्गत न हो पाने की समस्या बताई, जिस पर सचिव भारत सरकार द्वारा सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। एरिया ऑफिसर मॉनिटरिंग के अंतर्गत राज्य में 66 प्रतिशत निरीक्षण किये गये है जिसे बढ़ाये जाने के निर्देश दिये गये। राज्य में श्रमिकों के खातों को आधार आधारित भुगतान प्रक्रिया से जोड़े जाने का प्रतिशत 86 है।
सचिव भारत सरकार द्वारा निर्देशित किया गया कि इस प्रक्रिया को पूरा करने की अंतिम तिथि माह दिसम्बर, 2023 है अतः इस तिथि तक अनिवार्य रूप से प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाये राज्य द्वारा उठाये गए प्रशासनिक मद की राशि को निर्धारित सीमा 6 प्रतिशत के अनुसार ही जारी करने के अनुरोध पर सचिव महोदय द्वारा आश्वस्त किया गया कि इस पर उचित कार्यवाही की जाएगी। राज्य द्वारा प्रारम्भ नवाचारों यथा अमृत सरोवर एवं मत्स्य पालन, मेरा गांव मेरी सड़क आजीविका पैकेज मॉडल आदि की सचिव भारत सरकार द्वारा सराहना की गयी।
उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण मिशन के अन्तर्गत राज्य में वर्तमान समय तक 5.04 लाख महिलाओं को संगठित कर 65355 समूहों का गठन कर उनको उच्च स्तरीय संगठन के रूप में 6705: ग्राम संगठनों एवं 414 कलस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है। 48211 समूहों को रू० 5499.70 लाख का रिवाल्विंग फण्ड, 303147 समूहों को रू0 18761.65 लाख सामुदायिक निवेश निधि एवं वर्तमान समय तक 60274 समूहों को रू0 496.41 करोड़ का बैंक लिंकेज (सी०सी०एल०) / ऋण उपलब्ध करवाकर विभिन्न आजीविका सम्बर्द्धन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। फार्म लाइवलीहुड घटक के अन्तर्गत राज्य में 2.05 लाख महिला किसानों का क्षमता विकास कर 1.33 लाख एग्री न्यूट्री गार्डन, 260 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना एवं 108 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) के तहत 2193 उद्यमों की स्थापना की गयी है। समूहों के उत्पादों के प्रसंस्करण एवं बाजारीकरण हेतु 24 ग्रोथ सेन्टर 19 सरस सेन्टर, 04 राज्य स्तरीय 60 कलस्टर स्तरीय 110 यात्रा आउटलेटों की स्थापना की गयी है। सचिव महोदय को अवगत कराया गया कि राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना का संचालन किया जा रहा है।
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना ( REAP) के माध्यम से एन०आर०एल०एम० योजना में गठित समूहों का वैल्यू चैन एवं इन्टरप्राईजेस मोड में विकसित किया जायेगा। यू०एस०आर०एल०एम० / रीप एवं विभिन्न विभागों के साथ समन्वयन कर वर्ष 2025 तक राज्य में 1.25 लाख दीदीयों को लखपति दीदी के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है जिसमें वर्तमान समय तक 40270 सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।
प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत नये स्वीकृत आवासों हेतु भारत सरकार से धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। तत्काल प्रथम किश्त निर्गत करते हुए निर्माणाधीन आवासों को पूर्ण करा लिया जाये देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सचिव, ग्रमीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सराहना करते हुए इसको बरकार रखने के निर्देश दिये गये। उत्तराखण्ड राज्य को प्रतीक्षा सूची में उपलब्ध समस्त पात्र लाभार्थियों हेतु आवास आवंटित किये जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना अन्तर्गत बैठक में PMGSY I & II के समस्त कार्यों को मार्च, 2024 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि अनुरक्षणाधीन कार्यों में RI (RoutineInspections) को अनिवार्य एवं समयबद्ध रूप से करते हुए गुणवत्तापरक कार्य कराये जायें तथा मार्गों के निर्माण में भी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाये। सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान विकासखण्ड रायपुर में मिलेट्स बेकरी का अवलोकन किया गया तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का उत्साह वर्द्धन करते हुए जानकारी प्राप्त की गयी एवं उनके द्वारा तैयार किये गये उत्पाद का टेस्ट लिया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजनान्तर्गत देहरादून के रायपुर विकासखण्ड में निर्मित धारकोट से तलाई मोटर मार्ग अपग्रेडेशन, लम्बाई 4.01 किमी0, लागत रू0 201.73 लाख एवं धारकोट से उपरीतलाई मोटर मार्ग स्टेज-2 लम्बाई 1.50 किमी0, लागत रू0 77.04 लाख का निरीक्षण किया गया। उपरोक्त दोनों मार्ग वर्ष 2021 में पूर्ण हो गये थे, जिन पर तृतीय वर्ष में का कार्य किया जा रहा है।
डोईवाला विकासखण्ड के न्याय पंचायत रानीपोखरी में एन०आर०एल०एम० के अर्न्तगत गठित स्वाभिमान कलस्टर फैडरेशन की अध्यक्षा द्वारा अवगत कराया गया कि 14 ग्राम संगठनों को मिलाकर 1000 महिलाओं का संगठन तैयार किया गया, संगठन में समूहों को शतप्रतिशत आर०एफ० एवं सी०आई०एफ० से लाभान्वित किया गया है। कलस्टर समूहों की महिलायें बैंक ऋण लेकर विभिन्न आजीविका संवर्द्धन गतिविधियां का संचालन कर रही है, जिससे उनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक होकर लखपति दीदी की अग्रसर हो रही हैं। उत्तरास्टेट इम्पोरियम एवं चक जोगीवाला में महात्मा गांधी नरेगा के अन्तर्गत निर्मित अमृत सरोवर एवं पी०एम०ए०वाई० जी० योजना से निर्मित आवास का अवलोकन करते हुए उक्त योजनाओं के अन्तर्गत निर्मित कार्यों की सराहना की गई। बैठक में गया प्रसाद, उप महानिदेशक (आर.एच.). ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार, राधिका झा, सचिव ग्राम्य विकास, बृजेश कुमार संत सचिव समाज कल्याण, आनन्द स्वरूप, अपर सचिव / आयुक्त नितिका खण्डेलवाल, अपर सचिव ग्राम्य विकास नरेन्द्र कुमार जोशी, निदेशक, उसाटा एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।