नगर निगम चुनाव नजदीक आते है मेयर प्रत्याशियों को जनता की परेशानियां दिखने लगी है, कल कोटद्वार नगर के जशोधरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित स्टील फैक्टरियों से निकलने वाले धुंए से परेशान लोगों ने पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्टरियों में चिमनी का इस्तेमाल ना किए जाने से इलाके में प्रदूषण फैल रहा है। धुंए से परेशान स्थानीय महिलाओं ने प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से फैक्टरियों की जांच की मांग की है। कांग्रेसी कार्यकर्ता रंजना रावत का कहना है कि कुछ दिन पहले भी उपजिलाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली के एक बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर में हादसा होने के बाद कोटद्वार प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर की गई कार्यवाही में भेदभाव पर कांग्रेसी कार्यकर्ता चुप रहे। अतिक्रमण हटाने को लेकर हुई कार्यवाही में भेदभाव होने पर कांग्रेसी चुप रहे। कोटद्वार थाने में दर्ज ज्यादातर मुकदमों में लकड़ी पड़ाव और झूलाबस्ती के लोगों के नाम होने पर भी उनकी जांच करते हुए कार्यवाही करने की मांग कभी कांग्रेसियों द्वारा नहीं की गई। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद भी कोटद्वार गिवईश्रोत बदरीनाथ मार्ग पर सरकारी भूमि पर बने कांग्रेसी नेता के होटल पर कार्यवाही की मांग नहीं की गईं। जनता के सुख दुख में खड़े होने की बड़ी बड़ी बात करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता जवाब दें कि ये फैक्ट्रियां इतने साल से जशोधरपुर में चल रही तो इनपर कार्यवाही की याद अब निकाय चुनाव के समय ही क्यों आईं। अब तक फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले धुएं के बीच जीने वालों के बारे में क्यों नहीं सोचा गया। बस इसी तरह की चार दिन की राजनीति के कारण कोटद्वार पिछड़ता जा रहा है क्योंकि यहां जनता का हित देखने से पहले अपना स्वार्थ देखा जाता है।