चमोली जनपद के अनुसूचित जाति के युवक ने कार्यक्रम में रातभर ढोल नहीं बजाया तो कुछ ग्रामीणों ने पंचायत कर उस पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगवा दिया। पीड़ित ने जुर्माना भर दिया, लेकिन फिर भी गांव में रह रहे अनुसूचित जाति के सभी परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया। इतना ही नहीं, उन्हें गांव में किसी भी तरह की सुविधा लेने से वंचित कर दिया गया। पीड़ित पक्ष ने इस संबंध में शिकायत जोशीमठ कोतवाली में की है, जिसके बाद 28 ग्रामीणों के विरुद्ध SC/ST एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटना सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकासखंड में स्थित सुभाई-चांचड़ी गांव की है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 70 किमी दूर स्थित गांव में इसी वर्ष अप्रैल में बैसाखी पर मेले का आयोजन किया गया था। इस दौरान गांव के मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें अनुसूचित जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
15 जुलाई को पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण पुष्कर दो घंटे ही ढोल बजा पाए, जबकि मंदिर समिति और ग्रामीण चाहते थे कि वह रातभर ढोल बजाएं। आरोप है कि इससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगा दिया। पुष्कर ने तीन मई को जुर्माने की रकम जमा कर दी।
आरोप है कि इसके बाद 14 जुलाई को गांव में फिर पंचायत बुलाई गई और अनुसूचित जाति के सभी लोगों का पूर्ण बहिष्कार कर दिया गया। अब उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी नहीं लेने दिया गया,दुकानों में सामान नहीं दिया गया। वाहनों से आवाजाही नहीं करने देने की भी चेतावनी दी गई। यह भी आरोप है कि उन्हें गांव छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है और जातिसूचक शब्द भी बोले गए। पीड़ित पक्ष ने इसकी शिकायत उप जिलाधिकारी जोशीमठ से भी की है।