एक तरफ एसएसपी लोकेश्वर सिंह पूरे जनपद में कानून व्यवस्था बनाए रखने में दिन रात लगे हुए है वही कोटद्वार में पुलिस पर शराब व्यापारियों से डर के काम करने के आरोप लगे है। दरअसल कोटद्वार नगर में पिछले लंबे समय से ज्यादातर शराब के ठेकों पर ओवर रेटिंग की शिकायते मिल रही है और ओवररेटिंग करके मूल आय से कई गुना अधिक कमाई भी की जा रही है। इन ठेकों पर ओवर रेटिंग के लिए ऐसे सेल्समैन रखे गए है जो पहले से ही अपराधिक प्रवृत्ति के है और कुछ पर मुकदमे भी दर्ज है, इन्हे काम पर रखा ही इसलिए गया है की ओवर रेटिंग करते समय कोई ग्राहक ज्यादा पैसा देने से इंकार करे या बिल मांगे तो उन ग्राहकों से सीधे इस तरह के सेल्समैनो को भिड़ा दिया जाए। और यही कारण है की ग्राहकों के दिल में ये इतना खौफ पैदा कर देते है की कोई भी आबकारी विभाग या पुलिस के पास शिकायत करने की हिम्मत नही कर पता। हालही में तड़ियाल चौक पर दिन दहाड़े एक शराब की दुकान के अनुज्ञापी द्वारा गोली चलाने के मामले में कोटद्वार में दहशत का माहौल रहा हालाकि एसएसपी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया जिसके बाद पुलिस ने उसकी पुरानी क्रिमिनल हिस्ट्री भी निकालकर बताया था की आरोपी पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज है। जिसके बाद कई पत्रकार एक साथ कोतवाली पहुंचे और कोतवाल मणिभूषण श्रीवास्तव से बात करके कहा की इस घटना के बाद सभी शराब की दुकानों के कर्मचारियों का सत्यापन कराना जरूरी है जिससे भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो सके, साथ ही कहा की अक्सर पुलिस किरायेदारों का सत्यापन, फेक्ट्री और दुकान के कर्मचारियों के सत्यापन की सूचना तो मीडिया को देती है पर कभी ऐसा नहीं हुआ शराब की दुकानों के कर्मचारियों का सत्यापन कर उसकी सूचना भी दी गई हो। जिसके बाद कोतवाल मणिभूषण श्रीवास्तव ने जल्द ही सत्यापन कराने की बात कही थी, पर अब तक शराब की दुकान के कर्मचारियों के सत्यापन से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया को नहीं दी है, मानो जैसे पुलिस शराब व्यापारियों से डर के काम कर रही हो। सत्यापन न करने का कारण जो भी हो पर यदि दुबारा कोई घटना घटती है तो उसके लिए कोतवाली पुलिस ही जिम्मेदार होगी।