कोटद्वार में बिजली बिल का भुगतान न करने पर ऊर्जा निगम ने कनेक्शन काटने शुरू कर दिए हैं। बिल जमा न करने पर इस महीने अब तक 10 हजार से अधिक धनराशि के करीब 1000 बकायेदारों के कनेक्शन काट दिए गए हैं जिसमें सरकारी विभाग भी शामिल हैं।विद्युत वितरण खंड कोटद्वार के क्षेत्र में तीन औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही हजारों घरेलू, व्यावसायिक व औद्योगिक कनेक्शन हैं। इस वित्तीय वर्ष में ऊर्जा निगम को 27 करोड़ की वसूली का लक्ष्य मिला है जिसमें से 22 करोड़ रुपये की वसूली कर ली गई है। बाकी 5 करोड़ वसूलने के लिए विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। सबसे पहले बकायेदारों की सूची बनाकर उन्हें रिमाइंडर मैसेज किए गए। इसके बाद भी धनराशि जमा न करने पर उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। वहीं करीब छह करोड़ रुपये औद्याेगिक क्षेत्रों की फैक्टरियों पर बकाया चल रहे हैं। कोटद्वार व भाबर क्षेत्र में करीब पांच ऐसी फैक्टरियां हैं जिनमें जीएसटी छापे व बैंकों की ऋण अदायगी न होने से ताले लगे चुके हैं। इन फैक्टरियाें पर ऊर्जा निगम का भी लाखों का बकाया चल रहा है। अब उनसे बिल की धनराशि वसूलने के लिए राजस्व वसूली (आरसी) की प्रक्रिया चल रही है। वहीं ऊर्जा निगम के एसडीओ सिटी कमल सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति में मात्र चार दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी सभी उपभोक्ताओं को लंबित बिलों का भुगतान करने के लिए कहा गया है।निम्न प्रकार है बड़े बकायेदार
बकायेदारों की सूची में बाजार पुलिस चौकी सबसे पहले है, उस पर 1.13 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। शिब्बूनगर के नागेंद्र दत्त, पवन कुमार पर क्रमश: 70 हजार व 56 हजार का बिल लंबित है। 50 हजार रुपये कोटद्वार तहसील पर बकाया चल रहा है। सत्तीचौड़ की प्राइवेट आईटीआई पर 43 हजार, सिमलचौड़ में कोर्ट के नाम पर दो कनेक्शन हैं जिसमें क्रमश: 35 व 32 हजार बकाया चल रहा है। तहसील में बने स्वान केंद्र पर 33 हजार रुपये, कोटद्वार में बने जिलाधिकारी के कैंप आवास पर 28 हजार रुपये, 10 हजार रुपये से अधिक धनराशि के बकायेदारों की सूची में 45 उपभोक्ता शामिल हैं। इन्हें 31 मार्च से पहले भुगतान के लिए कहा गया है।