देहरादून। राज्य सरकार की ओर से नैनीताल हाइकोर्ट में पैरवी के लिए नियुक्त विधि अधिकारियों की आबद्धता को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शासन की ओर से उक्त आशय के आज आदेश जारी कर दिए गए हैं। राज्य गठन के बाद यह पहली बार हुआ है जबकि इतने विधि अधिकारियों की आबद्धता को एक साथ समाप्त कर दिया गया है।
उच्च न्यायालय नैनीताल में राज्य सरकार के वादों की पैरवी को लेकर शासन स्तर से विधि अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। विगत दिनों में ऐसा देखा गया कि उच्च न्यायालय में विचाराधीन वादों में राज्य सरकार से संबंधित मामलों में पैरवी कमजोर रही। इस लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई थी। अब इसी क्रम में शासन ने उच्च न्यायालय में पैरवी हेतु तैनात सभी विधि अधिकरियों की आबद्धता को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने न्याय सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि अब जो भी नई नियुक्ति की जाए वह मेरिट के आधार पर की जाए।
अपर सचिव सुधीर कुमार सिंह की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि शासन द्वारा विचारोपरान्त लिए गए निर्णयानुसार उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय नैनीताल के समक्ष राज्य की ओर से पैरवी / बहस किये जाने हेतु विधि अधिकारियों को, इस शर्त के साथ आबद्ध किया गया था कि राज्य सरकार उनकी आबद्धता किसी भी समय बिना पूर्व सूचना के समाप्त कर सकती है। उक्त क्रम में सभी विधि अधिकारियों की आबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त किये जाने की राज्यपाल ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की है। इनमें अपर महाधिवक्ता Additional Advocate General, उप महाधिवक्ता Deputy Advocate General, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता Additional Chief Standing counsel, स्थायी अधिवक्ता Standing counsel, सहायक शासकीय अधिवक्ता Assistant Government Advocate शामिल हैं।
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