कोटद्वार- पिछले कुछ दिनों से प्रदेश भर में कई स्थानों पर खुली शराब की दुकानों (सरकारी ठेका) का विरोध किया जा रहा है। कारण साफ है कि शराब ने कई घर बर्बाद किये है,और कई आगे भी होंगे। इसी कारण भविष्य में ऐसा न हो तो कई सामाजिक संगठनों द्वारा हर तरह से बिकने वाली शराब का विरोध किया। ये संगठन आज से नही बल्कि कई सालों से अपने छेत्र को शराब मुक्त कराने में लगे है। जो कि एक जनहित का कार्य भी है।
बार संचालको को लाभ पहुचाने की है साजिश
लेकिन कोटद्वार में आजकल अचानक कुछ नए लोग भी शराब के विरोध में कूद चुके है और हैरानी की बात ये है इनका उद्देश्य शराब बंद करना नहीं बल्कि सिर्फ साजिश के तहत एक ठेके को बंद कराना है। क्योंकि शुत्रो की माने तो सरकारी शराब की दुकान कुछ शराब बार के निकट खुलने से बार संचालकों को इससे भारी नुकसान होगा। जिस कारण उन्हें लाभ पहुचाने के लिए साजिश के तहत ठेका बंद कराया जा रहा है। हा ये बात अलग है कि इसमें शामिल कुछ लोग सच मे ही शराब के विरोधी है। लेकिन बाकियों को पूरे शहर भर में होटलो, दुकानों में बिक रही शराब क्यो नही दिखी। और उससे बड़ी बात की शराब बार बंद कराने को लेकर धरना प्रदर्शन क्यो नही किया गया। ये अपने आप मे एक बड़ा सवाल है और इन बातों में कितनी सच्चाई है इसकी जांच होना भी आवश्यक है।