देहरादून- उत्तराखण्ड देश के ऐसे राज्यो में से जहा हर दूसरे घर में एक सैनिक होता है जो बॉर्डर पर जाकर देश की रक्षा करता है, छोटे से उत्तराखण्ड में आये दिन किसी न किसी के लाल के शहीद होने की खबर मिलती रहती है। कई घरों में एक ही बेटा होने के बाद घरवाले उसे खोकर बस ये सोचकर ही दिल को तसल्ली देते है कि बेटा देश के लिये शहीद हुआ है। तो कही एक बेटे के शहीद होने के बाद भी माँ अपने दूसरे बेटे को गर्व से कहती है कि अब तुझे भी सेना में भर्ती होना है और देश की रक्षा करनी है। ऐसा है हमारा उत्तराखण्ड जहा लोग सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि देश के लिए जीते है।

आज भी इतिहास उठाके देखे तो उत्तराखण्ड से कई आर्मी अफसर और सैनिकों की वीर गाथाएं सुनने को मिल जाती है। लेकिन इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी को देवभूमी का बलिदान न जाने क्यों नहीं दिखता। एक तरफ मोदी जी कहते है कि दुनिया में कई देशों में ये रिवाज है कि जब वहा की सेना आम जनता के बीच से गुजरती है तो वे खड़े होकर तालियों के साथ उनका सम्मान करते है फिर देवभूमी तो बॉर्डर पर लड़ने वाले जवानों का गढ़ है उसकी अनदेखी क्यों होती है।

आज स्तिथी ये है कि देवभूमी उत्तराखण्ड में युवाओ के लिए रोजगार न होने के कारण ज्यादातर लोगो ने शराब, खनन जैसे व्यवसाय शुरू कर दिए है तो कुछ बाहर जा कर प्राइवेट नौकरी कर रहे है वही अब युवा नशे की गर्त में भी जा रहे है चिकित्सा, शिक्षा रोजगार व अन्य सुविधाओं के अभाव में पलायन भी लगातार बढ़ रहा है जिससे न सिर्फ उत्तराखण्ड बल्कि पूरे देश को नुकसान हो रहा है। अपनी ईमानदारी और कार्य के प्रति लगन के चलते देश की सुरक्षा से जुड़े कई बड़े नाम उत्तराखण्ड से तो है पर उत्तराखण्ड के लोगो के दिल में आज भी ये दर्द है कि प्रधानमंत्री मोदी ने और अब तक उत्तराखण्ड के लिए कोई ख़ास कार्य नहीं किया, इतना ही नहीं वर्तमान में भाजपा सरकार होने के बाद भी स्तिथियों में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बेहतर कार्य कर रही है।

जनता का मानना है कि समय रहते उत्तराखण्ड के लिए मोदी को कुछ तो करना ही चाहिए जिससे स्तिथि में बदलाव आ सके और उत्तराखण्ड का विकास हो सके।

Next articleइस डॉक्टर ने किया था निर्भया का इलाज, सुनाई रूह कंपाने वाली दास्तां
'संस्कृति और उत्तराखण्ड' समाचारपत्र आपका अपना समाचारपत्र है जिसके माध्यम से आप अपने विचार जनता के साथ साशन व प्रसाशन तक पहुचा सकते है। आपके विचार व सुझाव सादर आमंत्रित है। संपादक-अवनीश अग्निहोत्री संपर्क शूत्र-9897919123 समाचार पत्र की पंजीकरण संख्या-UTTHIN/2013/51045 (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय-भारत सरकार)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here