नैनीताल : खानपुर विधायक उमेश कुमार को रोकने के लिए विरोधियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। पहले चुनाव में उनको हराने का प्रयास असफल रहा तो, आब कुछ लोगों ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उससे पहले त्रिवेंद्र सरकार ने उमेश कुमार को रोकने का पूरा प्रयास किया। उनको मुकदमों में फंसाया गया। लेकिन, उमेश हर मुकदमे में पाक-साफ निकले। नतीजा ये हुआ कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ ही सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया। शपथ ग्रहण से रोकने और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उमेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया है कि उमेश शर्मा की ओर से विधानसभा में नामांकन के दौरान फार्म 26 में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है। तथ्यों को छिपाया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से उमेश शर्मा को विधानसभा की शपथ लेने से रोकने की मांग की गयी है। इसके अलावा चुनाव आयोग से उनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कार्यवाही करने की भी मांग की गयी है। पीठ ने याचिका की पोषणीयता पर उठाए सवाल, कहा, मामले को चुनाव याचिका के तहत क्यों नहीं चुनौती दी गयी?
पीठ ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं से पूछा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 80 व संविधान की धारा 329 के तहत इस मामले को चुनाव याचिका के तहत क्यों नहीं चुनौती दी गयी? याचिकाकर्ताओं की ओर से इस मामले में जवाब देने के लिये 23 मार्च तक की मांग की गयी है। अब इस मामले में 23 मार्च को सुनवाई होगी।