कोटद्वार:किसी भी बड़े कार्यक्रम के लिए आजकल लोग अपने घर से ज्यादा आरामदायक होटल, लॉज या बारातघरों को मानते है जिनमें उचित स्थान के साथ अन्य कई सुविधाये भी उपलब्ध हो जाती है। लेकिन कई बार ये सुविधाये दूसरों के लिए परेशानी का सबब भी बन जाती है। सरकार द्वारा होटल, लॉज, बारातघरो का पंजीकरण राजस्व विभाग में सराय एक्ट के तहत और पर्यटन विभाग में किया जाता है जिसके लिए मानक भी तय किये गए है। लेकिन नगर के ज्यादातर बारात घरों में पार्किंग सुविधा नहीं होने के कारण स्थानीय लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है आलम ये है कि कही रास्ट्रीय राजमार्ग पर स्तिथ बारात घरों में पार्किंग सुविधा नहीं है तो लोग अपने वाहन को सड़को पर खड़ा करके जाम की स्तिथि पैदा करते है तो कही गली मोहल्लों में बिना पंजीकरण के ही बारात घर चल रहे है जिस कारण आस पास रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। काशीरामपुर नजीबाबाद रोड स्तिथ एक बारात घर का संचालन पिछले काफी समय से बिना पंजीकरण के ही हो रहा है और मानकों के अनुसार पर्याप्त स्थान न होने के कारण उसका पंजीकरण संभव भी नहीं है। स्तिथी ये है कि शादी के सीजन में दिन रात मोहल्ले में छोटी बड़ी गाड़ियों की आवाजाही से कई बार दुर्घटनाये भी हुई है साथ ही हर सुबह लोगो के घरों के आगे गंदगी का अंबार लगा होता है। इस संबंध में कई बार आस पास के लोगो द्वारा प्रसाशन को भी सूचित किया गया लेकिन कभी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी। इसी तरह नगर में कुकुरमुत्ते की तरह कई और बारात घर बिना पंजीकरण के चल रहे है जिनके पास पर्याप्त सुविधाये और प्रयाप्त स्थान न होने के कारण इसका खामियाजा आस पास रहने वाले लोगो को उठाना पड़ता है। वही प्रसाशन द्वारा इन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
कुकुरमुत्तों की तरह खुले बारातघर, जनता के लिए बने परेशानी का कारण
