उत्तरकाशी- पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं में आज भी कोई खास सुधार नहीं आया है, जिससे रोज कोई न कोई घटना देखने या सुनने को मिल ही जाती है, ऐसी ही एक घटना उत्तरकाशी में भी देखने को मिली जहा उत्तरकाशी जिले में 108 एंबुलेंस न मिलने पर मातली क्षेत्र की एक प्रसव पीड़िता ने निजी वाहन से अस्पताल लाते वक्त तांबाखाणी सुरंग के अंदर वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया। शनिवार को मोरी ब्लाक में भी इसी तरह की स्थिति सामने आई थी।

ल्वारका धौंतरी निवासी विपिन की पत्नी संतोषी इन दिनों अपने मायके मातली आई हुई है। रविवार सुबह करीब पांच बजे उसे प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 सेवा को फोन किया तो जवाब मिला कि एंबुलेंस खराब है। इससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। वे निजी वाहन की तलाश में प्रसव पीड़िता को लेकर गंगोत्री हाइवे पर पहुंचे। काफी इंतजार के बाद देहरादून से अखबार लेकर आ रही सूमो नजर आई। सड़क पर प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को देख वाहन चालक विशाल डोभाल ने सूमो रोकी और प्रसव पीड़िता को वाहन में बिठाया। ताबांखाणी सुरंग में पहुंचते ही संतोषी देवी ने वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उसे यहां जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इससे पहले, शनिवार को मोरी ब्लाक में भी ऐसा ही वाकया हुआ। दणगाण गांव निवासी उपेंद्र पंवार की पत्नी अंशिका को प्रसव पीड़ा होने पर उसे अस्पताल ले जाने के लिए 108 की एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई। प्रसव पीड़िता को एक निजी वाहन से मोरी लाया गया, लेकिन वहां अस्पताल में सुविधाएं न होने का हवाला देते हुए चिकित्सकों ने उसे पुरोला ले जाने को कहा। इसके लिए मोरी में स्वास्थ्य विभाग का कोई वाहन नहीं मिल पाया। फिर परिजनों ने एक निजी वाहन की व्यवस्था की। पुरोला ले जाते वक्त महिला ने वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया।
इस संबंध में 108 सेवा के स्टेट हेड मनीष टिंकू ने बताया कि मातली क्षेत्र की एंबुलेंस सर्विस के लिए गई है।

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