शाहजहांपुर। पुलिस की वर्दी में धड़कने वाले दिल को आज भी बहोत कम लोग समझते है बड़ी ही आसानी से कुछ लोग पुलिस पर आरोप लगा देते है। लेकिन किसी भी विभाग में सब एक जैसे लोग नही होते। और ऐसे ही एक पुलिसकर्मी ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है।
शाहजहांपुर में जहां एक पुलिस कांस्टेबल ने अपने बैंक अकाउंट में धोखे से आए 37 हजार रुपए को रिजर्न कर दिया।
जानकारी के अनुसार, जिले के मीरानपुर कटरा थाने में तैनात कांस्टेबल नौशाद अली ने बताया कि बीते शुक्रवार को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया था। जब उन्होंने उस मैसेज को पढ़ा तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि उस मैसेज के जरिए पता चला कि उनके बैंक खाते मे 37500 रुपये जमा हुए हैं। कांस्टेबल नौशाद अली बैंक एकाउंट मे आए हजारों रुपये से परेशान हो गए थे क्योंकि इस तारीख पर न तो उनकी सैलरी आती है और न ही कहीं और से उनके पैसे आने वाले थे। उसके बाद नौशाद अली तुरंत बैंक पहुंचे और वहां से अपनी एकाउंट की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि हरिद्वार में रहने वाले शख्स ने गलती से उनके एकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो गया।
उसके बाद कांस्टेबल नौशाद अली ने इमानदारी का परिचय देते हुए हरिद्वार में रहने वाले उस शख्स से बात करने की कोशिश की तो पता चला कि हरिद्वार के मोहल्ला किला मंगलौर निवासी मोहम्मद अजीम ने गलती से गलत एकाउंट नंबर लिख देने के कारण पैसे उनके एकाउंट मे आ गए थे। नौशाद अली को ये साफ हो गया है कि उनके खाते में मोहम्मद अजीम ने गलती से पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं।
कांस्टेबल नौशाद अली ने इंसानियत और इमानदारी को कायम रखते हुए मोहम्मद अजीम के खाते में 37500 रुपये ट्रांसफर कर दिए। मोहम्मद अजीम के खाते में जब पैसे ट्रांसफर हो गए तो अजीम ने कांस्टेबल का शुक्रिया अदा किया।
कांस्टेबल नौशाद अली ने 27 जनवरी 2015 को यूपी पुलिस मे जवाईनिंग की थी। नौशाद अली अमरोहा के रहरा रोड के पास रहते हैं। नौशाद अली के पिता राहत अली फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। नौशाद अली के 6 भाई और एक बहन है। नौशाद अली ने बताया कि उसका उसका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा है। उसके पिता साइकिल पर रखकर लङकी का सामान रखकर बेचते थे। उन्होंने कहा कि हमको पता है कि पैसै कितनी मेहनत से कामाए जाते हैं। उस पैसै पर जिसका हक है वह उसे मिलना चाहिए। उन्होंने कहा 37 हजार ही नहीं अगर अकाउंट में लाखों की क्रेडिट होती तो मै पैसा लौटा देता।