डीएम विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कांवड़ मेला-2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में हुई बैठक आयोजित, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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हरिद्वार : जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में कांवड़ मेला-2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि विगत दो वर्षों में कोविड-19 की वजह से कांवड़ यात्रा में व्यवधान की स्थिति उत्पन्न हई थी। इस वर्ष आगामी जुलाई माह में होने वाले कांवड़ मेले में काफी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिन अधिकारियों ने कांवड़ मेले में योगदान दिया है, उन अधिकारियों के अनुभवों का लाभ लेते हुये सभी विभागों के अधिकारी कांवड़ मेले की तैयारी में अभी से जुट जायें।
बैठक में कांवड़ मेले के दौरान कानून-व्यवस्था, किन-किन स्थानों पर अधिक भीड़ होती है, कौन सा क्षेत्र जीरो जोन में आयेगा, गाड़ियों के पार्किंग की कहां-कहां व्यवस्था की जानी है, यातायात व्यवस्था, जल पुलिस की व्यवस्था, अवस्थापना सुविधाओं का विकास, किन रूटों से कावंड़िये अधिक से अधिक संख्या में हरिद्वार में प्रवेश करते हैं, के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
कांवड़ मेला-2022 की तैयारियों की बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस बार कांवड़ मेले में काफी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावनायें हैं। इसे देखते हुये हमें अवस्थापना सम्बन्धी सुविधाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ पट्टी के अलावा हमें हाईव के आउट वे लेन पर भी विशेष ध्यान देना है।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कावंड़ पट्टी सहित कांवड़ यात्रा में इस्तेमाल होने वाली सड़कों का अच्छी तरह से निरीक्षण कर लें तथा अपनी सर्वे रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बरसात का जिक्र करते हुये गाड़ियों के पार्किंग के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि जहां-जहां गाड़ियां पार्क होंगी, उनके प्रवेश तथा निकास द्वार को पक्का करने के साथ ही प्रत्येक पार्किंग स्थल पर एक जेसीबी की भी व्यवस्था करना सुनिश्चित करें ताकि पार्किंग में गाड़ियों के संचालन में कोई दिक्कत न हो।  उन्होंने पेयजल विभाग के अधिकारियों से कांवड़ मेले के दौरान पेयजल की क्या व्यवस्था रहेगी, के सम्बन्ध में पूरी जानकारी ली। इस पर पेयजल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हर 500 मीटर की दूरी पर पानी की व्यवस्था की जायेगी। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि नारसन से हरिद्वार तक तथा भगवानपुर से हरिद्वार तक के मार्ग पर भी पानी की समुचित व्यवस्था करें।  उन्होंने निर्देश दिये कि जहां-जहां हैण्डपम्प लगे हैं, उनकी जांच कर लें तथा किन-किन स्थानों पर टैंकर स्थापित किये जाने हैं, उनका खाका तैयार कर लें। पेयजल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पानी की कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं आयेगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से शौचालयों के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि कांवड़ के दौरान किन-किन विभागों द्वारा शौचालयों की व्यवस्था की जाती है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि समय पर टेण्डर आमन्त्रित करते हुये सभी व्यवस्थायें कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि जो भी शौचालय स्थापित किये जायें, उनमें साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था होनी चाहिये।
जिलाधिकारी ने बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने के साथ ही लाउड स्पीकर की भी व्यवस्था करें। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि विद्युत के कोई भी तार झूलते हुये नजर नहीं आने चाहिये तथा जहां पर खतरे की संभावनायें हों, वहां पर ’’खतरे ’’का साइन बोर्ड अवश्य लगायें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुये उन्होंने कहा कि घाटों की जहां-जहां मरम्मत होनी है, उसे समय पर पूर्ण करा लें, जहां पर चेन स्थापित हैं, वहां उनकी जांच कर लें तथा जहां पर चेन लगाने की आवश्यकता है, वहां चेन स्थापित कर लें तथा कहीं पर अगर अतिक्रमण है, तो उसे हटाना सुनिश्चित करें। एनएचआई के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये उन्होंने कहा कि एन0एच0 पर सफाई की व्यवस्था के साथ ही कहीं पर अगर पेड़ व झाड़ियां उगी हैं, तो उन्हें हटाना भी सुनिश्चित करें।
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