अवनीश अग्निहोत्री- भारतीय रेल का हिसाब भी अजीब है अगर आप स्लीपर या एसी क्लास के कोच में बिना टिकट गलती से या जल्दबाजी में बैठ गए तो टीटीई आकर आपको नियम-कानून का पाठ पढ़ाकर तुरंत जुर्माना काटकर आपके हाथ मे पर्ची थमा देगा। लेकिन चलिए यहा तक तो ठीक है पर अगर उसी टीटीई को आप ये कहते है कि ट्रैन में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट खराब है, टॉयलेट में पानी नही है, एसी नही चल रहा या खिड़की नही बन्द हो रही तो तुरन्त जवाब मिलता है कि ये काम मेरा नही है इसके लिए या तो कोच अटेंडेंट से सम्पर्क करो या अगले स्टेशन पर ट्रेन से नीचे उतरकर स्टेशन मास्टर से शिकायत करो। अब रेलवे के हर आरक्षित कोच में तो अटेंडेंट होता नही है इसलिए टिकट का पूरा पैसा या जुर्माना देकर भी चुपचाप यात्रा करते रहो। बात यही खत्म नही होती एक तरफ रेलवे पुलिस चोर, जेबकतरों और जहर खुरानियो पर लगाम नही लगा पा रही, वही आजकल ज्यादातर ट्रेनों में किन्नरों ने अवैध वसूली करके ऐसा आतंक मचा रखा है कि मानो यात्रियों को उनका कर्जा देना होगा। ज्यादातर जगह यात्रियों से नेग न देने पर बत्तमीजी करते है। ये सब टीटीई, कोच अटेंडेंट और रेलवे पुलिस की आँखों के सामने होता है पर ये खुद दूर खड़े होकर तमाशा देखते है पर कोई कार्यवाही नही करते।
इनकी अवैध वसूली का एक कारनामा छपरा जंक्शन से सूरत जाने वाली ताप्ती गंगा एक्सप्रेस ट्रैन में देखने को मिला। जहा यात्रा कर रहे एक यात्री द्वारा पैसे न देने को लेकर बहस कर उस पर चाकू से हमला कर दिया गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना से नाराज ट्रैन के कई यात्रियों ने हरदा स्टेशन पर जमकर हंगामा किया और रेलवे द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली सुरक्षा पर सवाल उठाए। घटना के बाद घायल यात्री को उपचार के लिए पास के ही एक अस्पताल में ले जाया गया। जानकारी के अनुसार हमले में यात्री के सिर और गर्दन पर काफी चोट आयी है।
परिजनो व ट्रैन में सवार अन्य यात्रियों ने बताया कि किन्नर और उसके अन्य साथी चाकू की नोक पर पैसे मांग रहे थे जिसका विरोध करने पर उन्होंने हमला कर दिया। घटना के बाद हुए बवाल को देखकर आरपीएफ थाना पुलिस ने तुरन्त मामला दर्ज कर जांच शुर कर दी है। लेकिन आपसे हमारी यही अपील है कि यात्रा के दौरान ऐसे लोगो का मिलकर विरोध करे। रेलवे पुलिस व अन्य रेलवे स्टाफ से तुरन्त इनकी शिकायत करे, और यदि स्टाफ बात न सुने तो तुरन्त रेलवे ।हेल्पलाइन पर दोनों की ही शिकायत करें