कोटद्वार। जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल से संबद्ध प्रांतीय उद्योग व्यापार ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पर्वतीय राज्य में सड़क के किनारे सड़क सीमा से बाहर हजारों व्यापारी पिछले 50-60 सालों से व्यवसाय कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए इन्हें अतिक्रमण की श्रेणी में मानते हुए चिन्हित किया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष विवेक अग्रवाल और महामंत्री लाजपत राय भाटिया और प्रदेश मंत्री अजय गुप्ता ने संयुक्त रूप से बताया कि संगठन अतिक्रमण का समर्थन नहीं करता है, लेकिन प्रदेश के हजारों व्यापारियों को उजाड़कर उन्हें बेरोजगार कर देने से प्रदेश सरकार की नीतियों पर अंगुली उठेगी। कई दशकों से इन व्यापारियों ने स्वरोजगार के माध्यम से अपना परिवार का भरण पोषण तो किया ही है।
साथ ही उत्तराखण्ड राज्य के पर्यटन व्यवसाय में भी अपना योगदान दिया है। ऐसे व्यापारियों के लिए प्रदेश सरकार ठोस नीति बनाये और इनके पुर्नस्थापन की व्यवस्था करें। वही दूसरी तरफ सिद्धबली मंदिर की धर्मशाला सहित राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ मार्ग, नजीबाबाद रोड और स्टेशन रोड पर अतिक्रमण न हटाए जाने से आम जनता में नाराजगी है।