नई टिहरी- नई टिहरी के एक निजी स्कूल में सांसद निधि से दो लाख रुपये कक्ष बनाने के लिए स्वीकृत किए गए, लेकिन नया कक्ष बनाया ही नहीं गया बल्कि पुराने कमरे को ही रंग-रोगन कर नया रूप दे दिया गया। जांच में गोलमाल की पुष्टि होने पर परियोजना निदेशक ने रुपये की वसूली और लोनिवि के सहायनई टिहरी के एक निजी स्कूल में दो वर्ष पूर्व सांसद निधि से कक्षा के निर्माण के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। जिसमे से डेढ़ लाख रुपये पहले ही विद्यालय को आवंटित कर दिए गए थे। बाद में विद्यालय प्रबंधन ने सांसद निधि के बकाया 50 हजार रुपये के लिए मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया। पत्रावली देखने के बाद परियोजना निदेशक भरत चंद्र भट्ट को शक होने पर उन्होंने निर्माण कार्य की जांच कराई। जिसमें गड़बड़ पाई गई और पता चला कि एक पुराने कमरे पर ही पुताई करके उसे नया बात दिया गया है। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकारी धन की वसूली और एमबी भरने वाले लोनिवि के अवर अभियंता और सहायक अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। विद्यालय प्रबंधन के अनुसार उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। प्रधानाचार्य के अनुसार उनकी पोस्टिंग कुछ ही दिन पहले यहां हुई हैं। विद्यालय प्रबंधन के अनुसार लोनिवि के जेई के कहने पर ही यह किया गया था और वर्तमान में जेई और एई का यहां से ट्रांसफर हो चुका है। इस बीच मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई का कहना है कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सरकारी धन का दुरुपयोग होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
कागजो में ही बना स्कूल का कक्ष
