यूपी के सहारनपुर और बिजनौर जल्द हो सकते है उत्तराखण्ड में शामिल

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लखनऊ- पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर तेजी से खबर फैल रही है कि यूपी के सहारनपुर व बिजनौर को उत्तराखंड में तथा मुज़फ्फरनगर, शामली व मेरठ को हरियाणा में लाया जा सकता है। शुत्रो के अनुसार उत्तर प्रदेश के पाँच जिले हरियाणा तथा उत्तरांचल राज्य में मिल सकते है। चर्चा है कि जल्द ही मोदी सरकार हरियाणा, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिल कर बड़ा फ़ैसला ले सकती है, दो माह पहले फ़ैसला लेने से पूर्व हरियाणा, उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ कुछ प्रमुख सचिव संग मोदी जी ने बैठक ली थी। जिसमे सभी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी और यूपी के कुछ जनपदों को हरियाणा व कुछ को उत्तराखंड में मिलाने के लिये चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और बिजनौर को उत्तरांचल राज्य में मिलाने व उत्तर प्रदेश के शामली मुज़फ्फरनगर मेरठ को हरियाणा राज्य से जोड़ने पर विचार हुआ है, यदि ऐसा होता है तो भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योकि
उत्तर प्रदेश के विभाजन की माँग ख़त्म हो जाएगी। हरित प्रदेश का मुद्दा समापत हो जाएगा। हाई कोर्ट की माँग भी ख़त्म। उत्तर प्रदेश में दो क्षेत्रिय व मजबूत मानी जाने वाली पार्टी सपा और बसपा कमजोर हो जाएंगी, उत्तर प्रदेश के पाँचो जिले दलित तथा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है जिनका उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने में प्रमुख योगदान रहता है, इसके अलावा सहारनपुर बिजनौर के उत्तरांचल में जाने से यह उत्तरांचल में भी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होंगे वही दूँसरी और उत्तर प्रदेश में भाजपा राहत की सांस ले पाएगी । जाट लाबी के नाम पर अजित सिंह भी कमजोर हो सकते है। यदि शामली,मेरठ, मुज़फ्फरनगर हरियाणा में आता है तो उत्तर प्रदेश से अजित सिंह की जाटों वाली राजनीति कमजोर होगी। हरियाणा में ये लोग सरकार बनाने या गिराने की स्थिति में नहीं होंगे। तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार है साथ ही केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। इसलिए ऐसे फ़ैसले के लिए इससे अच्छा समय भाजपा को कभी नही मिल सकता है। साथ ही पाँच जिलो के उत्तर प्रदेश से बहार जाने पर निश्चित रूप से सपा बसपा प्रदेश में कमज़ोर होगी । सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि इस पर निर्णय लिया जा चुका है और 31 मार्च तक यह जनता के सामने आ सकता है। लेकिन ये सभी चर्चाएं फिलहाल सिर्फ सोशल मीडिया पर ही सुर्खियों में है, और यदि इनमे सच्चाई होगी तो नव वर्ष पर ये 5 राज्य यूपी से अलग और हरियाणा व उत्तराखण्ड में शामिल होंगे। अब ये फैसला लिया जाता है या नही, ये भविष्य के गर्भ में है।

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