भारत इलेक्ट्रिक और शेयर्ड कारों के इस्तेमाल से आने वाले 12-13 साल तक ऊर्जा खपत के रूप में लगभग 60 बिलियन डॉलर बचा सकता है। साथ ही इससे 2017 और 2030 के बीच एक गीगाटन कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। देश के अग्रणी थिंक टैंक की ओर से शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है।नीति आयोग की ओर से परिवर्तनकारी गतिशीलता समाधान पर एक रिपोर्ट पेश की गई। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली संस्था नीति आयोग ने ईंधन की बचत और प्रदूषण पर लगाम कसने के मकसद से डीजल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को भी सीमित करने का सुझाव दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक नीति आयोग की रिपोर्ट को देश में ग्रीन कार पॉलिसी के आधार पर लागू किया जा सकता है।आयोग ने पब्लिक लॉटरीज के जरिए इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन का सुझाव दिया है। जबकि इलेक्ट्रिकल व्हीकल की सेल को बढ़ावा देने के लिए इनसेंटिव्स देने की सिफारिश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में वाहनों के विद्युतीकरण के लिए 15 साल का एक रोडमैप सामने रखा है। 134 पृष्ठ की रिपोर्ट में तीन प्रमुख बदलावों का सुझाव दिया गया है, प्राइवेट व्हिकल ओनरशिप से शेयर्ड यूजरशिप में शिफ्ट होना, पेट्रोल एवं डीजल वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों में शिफ्ट होना और कारों के लिए डिज़ाइन किए गए शहरों से मनुष्यों के लिए डिज़ाइन किए गए शहरों में स्थानांतरण भी शामिल है

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