अशोक केस्टवाल(कोटद्वार)- कोटद्वार नगर पालिका फिर से अस्तित्व में आ गई है, जिससे पालिकाध्यक्ष समेत सभी सभासदों की दुकान फिर से सज गई है। यहां यह भी बताते चलें कि कोटद्वार नगर पालिका का विस्तार करते हुए सरकार ने नगर निगम घोषित कर दिया था, लेकिन सरकार द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना को हाई कोर्ट नैनीताल ने निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने नगर निगम संबंधी व जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी दोनों अधिसूचनाएं निरस्त कर दी गई थी। बताते चलें कि कोटद्वार नगर पालिका सहित च.ार सूबे की चार नगर पालिकाओं का विस्तार करते हुए प्रदेश सरकार ने विगत आठ दिसंबर को नगर निगम घोषित करते हुए इस संबंध में अधिसूचनाएं जारी की गई। लेकिन सरकार द्वारा जल्दबाजी में कदम उठाते हुए पहले निगम घोषित कर दिए गए और उसके बाद 28 दिसंबर को ग्राम प्रधानों को अपने बस्ते जमा करने के निर्देश दिए गए। नगर निगमों को घोषित करने से पूर्व सरकार ने जनसुनवाई की जहमत भी नहीं उठाई और इसी को लेकर कोटद्वार नगर निगम विरोध समिति सहित करीब 12 याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई।
पहली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इस संबंध में यथा स्थिति बनाए जाने के निर्देश दिए और उसके बाद छह मार्च की सुनवाई में याचिकाकत्र्ताओं की अपील पर सरकार ने एक दिन का समय मांगा और इस संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाई और इसी के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा जारी दोनों अधिसूचनाओं को रद्द करते हुए जन सुनवाई के लिए नई अधिसूचना जारी कर एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे। सरकार द्वारा निगम की अधिसूचना के बाद पालिकाध्यक्ष समेत सभी सभासद बेरोजगार हो गए थे, लेकिन सरकार द्वारा 10 मार्च को सरकार ने कोटद्वार को नगर निगम बनाने संबंधी और जिलाधिकारी को उसका प्रशासन नियुक्त करने संबंधी दोनों अधिसूचनाएं निरस्त कर दी हैं। इस तरह कोटद्वार नगर पालिका पुनः अस्तित्व में आ गई है और उसको नगर पालिका के संचालन का अधिकार मिल गया है। चुनाव होने में अभी देरी है इसलिए संभावना जताई जा रही है कि पालिकाध्यक्ष समेत सभी सभासद अपने पदों पर विराजमान हो जाएंगे।
अभी इस संबंध में शासन की ओर से कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ हैं यदि पद बहाली होती है तो इससे ज्यादा खुशी की बात क्या होगी…रश्मि राणा पालिकाध्यक्ष न.पा कोटद्वार।
अभी दो दिन पूर्व ही इस संबंध में शासन ने निर्णय लिया है और बीच में दो दिन अवकाश था आज पत्र का इंतजार किया जा रहा है। पत्र मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।…सुशील कुमार जिलाधिकारी गढ़वाल।