कोटद्वार नगर निगम में 24 लाख के घोटाले के बाद अब 96 लाख का घोटाला आया सामने। निगम का लेखाकार पंकज निकला मुख्य आरोपी, सरेंडर न करने पर जल्द होगी पंकज के घर की कुर्की

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कोटद्वार नगर निगम में लगभग 24 लाख रुपये के घोटाले के बाद अब 96.35 लाख रुपये के गबन का मामला भी सामने आया है। आयुक्त आयुक्त किशन सिंह नेगी ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन इस मामले में सात लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। इस घोटाले का मुख्य आरोपी भी निगम का लेखाकार पंकज रावत को बनाया गया है।

कोतवाली में दी गई तहरीर में नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने पंकज के साथ छह अन्य लोगों पर 23 चेकों के माध्यम से 96.35 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त करने का आरोप लगाया है। इनमें ठेकेदार एहसान अहमद, नीरज रावत, अहसान, राजपाल सिंह, सुमिता देवी और रमेश चंद्र चौधरी शामिल हैं। इसकी विभागीय जांच सहायक नगर आयुक्त को सौंपी गई थी। जांच में इन भुगतान के पंजिका में दर्ज नहीं होने की पुष्टि हुई । 12 दिसंबर को मिली जांच रिपोर्ट में नगर निगम के खातों से 96,34,860 रुपये की धनराशि को अवैध रूप से भुगतान होने की पुष्टि हुई है। कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी की ओर से प्राप्त नई तहरीर के मामले की जांच की जा रही है। इस मामले की जांच भी 24 लाख रुपये के गबन के साथ की जा रही है। ऐसे में देखा जाए तो पिछले दस साल में हुए कार्यों की गहनता से जांच होगी तो करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है।
हालही में निगम के पार्षद कुलदीप कांबोज और महिला ठेकेदार सुमिता देवी की गिरफ्तारी हो चुकी है। वही फरार चल रहे लेखाकार के घर व संपत्ति की कुर्की की भी पुलिस तैयारी कर रही है।

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