हालही में हुए लैंसडौंन तहसील के ऑडियो लीक मामले में नया मोड़ आया है, जिसमे एक पत्रकार द्वारा पटवारी और कानूनगो से पुरानी रंजिश बताई जा रही है और ऑडियो हाथ लगते ही ब्लैकमेलिंग करना बताया जा रहा है। जिसके चलते भाजपा कांग्रेस सहित कई पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने, छेत्र पंचायत सदस्यों, प्रधानों व सैकड़ों ग्रामीणों ने पटवारी और कानूनगो के पक्ष में जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र लिखा है। साथ ही इस मामले में व्यापारी द्वारा भी कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है। इस मामले में लैंसडौंन के एसडीएम की रिपोर्ट के बाद डीएम ने संबंधित पटवारी को निलंबित कर दिया था जबकि कानूनगो का लैंसडौंन से हटाते हुए धुमाकोट तहसील भेज दिया गया था। निलंबित पटवारी को तहसील मुख्यालय लैंसडौंन से अटैच करने के आदेश दिए जा चुके थे। साथ ही पूरे मामले की जांच अब पौड़ी के एसडीएम को सौंपी गई थी। मामले में अब नया मोड़ आता दिख रहा है, जयहरीखाल के ग्रामीणों के अनुसार ये मामला कुछ माह पहले का है इस ऑडियो के हाथ लगते ही एक पत्रकार महिला पटवारी को ब्लैकमेल करने लगा था, और पैसों की मांग करने लगा था। और आए दिन कई विभागों में आकर ब्लैकमेलिंग का प्रयास करता था।