पिने का पानी, सौचालय, पार्किंग जैसी सुविधाएं के लिए तरस रहे यात्री

बेलगाम होटल व्यवसायी यात्रियो से वसूल रहे मुह मांगी रकम
संस्कृति और उत्तराखण्ड

कोटद्वारढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में वर्ष भर यात्रियों की आवाजाही लगी रहती है। चारधाम यात्रा के समय ऋषिकेश/हरिद्वार के बाद दूसरा मार्ग यही है साथ ही गर्मी के मौसम में पर्यटन नगरी लैंसडौन व पौड़ी के साथ ही कई अन्य स्थानों पर यहाँ देश भर से सैलानी आते है तथा बाकी सामान्य दिनों में भी यात्रियो की आवाजाही लगी रहती है इसके अलावा कोटद्वार से आगे गढ़वाल छेत्र में रेल मार्ग न होने के कारण यात्रियो को इस पड़ाव से गुजर के ही जाना पड़ता है जिस कारण कोटद्वार में छेत्रीय जनता के बराबर ही यात्रियो की संख्या कभी भी देखने को मिल जाती है। लेकिन इन सबके बावजूद भी प्रसाशन यात्रियो से जुडी किसी भी समस्या पर कभी ध्यान नहीं देता। विशेष सुविधाओं की बात तो दूर है यहाँ तो पीने के पानी, सौचालय और रोडवेज बस स्टेंड तक की व्यवस्था तक नहीं है पार्किंग को लेकर भी कोटद्वार में कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। बाहर से आने वाले ज्यादातर यात्रीयों की शिकायत रहती है कि कोटद्वार नगर में यात्रियो के लिए पीने के पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं है ज्यादातर टंकी सूखी पड़ी है हेण्डपम्प भी गिने चुने है जो सभी सूख चुके है जिन टंकियों में थोड़ा बहुत पानी आता भी है उनकी सफाई कई वर्षों से नहीं की गयी है इसी के साथ महिलाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सौचालय तक नहीं है तथा कुछ में साफ़ सफाई बिलकुल नहीं होती इसी के साथ अपने निजी वाहन से आने वाले यात्रियो को पार्किंग के लिए स्थान न मिलने से वे भी परेशान रहते है और सबसे महत्वपूर्ण बात की परिवहन निगम के कोटद्वार डीपो से मैदानी व पहाड़ी छेत्रो के लिए रोज कई बसों का संचालन तो होता है पर फिर भी यहाँ बस स्टैंड तक नहीं है केवल परिवहन विभाग की कार्यशाला, कार्यालय व टिकट काउंटर ही है जिस कारण यात्रियो को कार्यशाला के बहार खड़े होकर बसों का इंतजार करना होता है और इस कारण लोगो को इन सुविधाओं के लिए मजबूरन होटलो में रुकना पड़ता है और बेलगाम होटल व्यापारी इसके लिए मुह मांगी रकम लेते है उत्तराखण्ड सरकार यात्रियो को सुविधाये मोहैय्या कराने में पिछले लंबे समय से कोटद्वार की अनदेखी कर रही है जिस कारण धीरे धीरे पर्यटकों ने भी अब गढ़वाल से मुह मोड़ना शुरू कर दिया है।

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