कोटद्वार- जशोधरपुर स्तिथ स्टील फैक्ट्रियों के प्रदूषण के खिलाफ स्थानीय लोगो में आक्रोश फिर से दिखने लगा है। स्टील फैक्ट्रियों के घातक प्रदूषण से लोग शारीरिक व मानसिक रोगों के शिकार हो रहे हैं। इससे पूर्व भी कई बार भाबर क्षेत्र के लोगों ने प्रदूषण फैला रही इन फैक्ट्रियों के खिलाफ आंदोलन चलाया गया, लेकिन इसके बाद भी फैक्ट्रियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई।

मगनपुर में अखिल भारतीय किसान सभा व पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति के अमर सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि घनी आबादी के बीचों-बीच स्थापित लोहे कबाड़ की जशोधरपुर स्थित स्टील फैक्ट्रियों के घातक प्रदूषण के चलते भाबर क्षेत्र की जनता विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक रोगों की
शिकार होती जा रही है। इन घातक बीमारियों से भयभीत जनता कई बार आंदोलन के लिए मजबूर होती रही है। 24 नवंबर 2011 से 3 जनवरी 2012 तक इस खतरनाक प्रदूषण के खिलाफ डेढ़ माह तक जबरदस्त प्रदर्शन किया गया था, लेकिन उस आंदोलन को कुचलने के लिए फैक्ट्री मालिकों ने 12 आंदोलनकारियों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिये, जो कि 5 वर्षों तक मुकदमें झेलते रहने के बाद दोषमुक्त हो गये।

उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इन फैक्ट्रियों को आबादी से दूर स्थापित करने व प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का कठोरता से पालन कराये जाने की मांग उठाई है। इस मौके पर ज्ञान सिंह नेगी, जगमोहन बिष्ट, ओपी सेमवाल, केशर सिंह नेगी, हरेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र रावत, कमला देवी, दर्शनी देवी, शांति नेगी, राकेश कुमार, खुशीराम, कृष्ण रावत, योगेश्वर, बलवंत सिंह, माल सिंह, आदि मौजूद थे।

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