कोटद्वार- सिम्बलचौड़ स्तिथ न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं से पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। अधिवक्ताओं ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का 3 तीन दिन का अल्टीमेटम दे दिया है।

स्थानीय बार एसोसिएशन ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड को भेजे पत्र में कहा
कि विगत 31 मई को दोपहर में अधिवक्ता अरविंद वर्मा, उनके सहायक विकास कुमार व
अधिवक्ता प्रवेश रावत वादकारियों के जमानत के कागजात तैयार कर रहे थे। इस दौरान अचानक से न्यायालय परिसर में सादे कपड़ों में आये चार-पांच लोग जमानतियों के कालर पकड़कर घसीट कर ले जाने लगे।

इन लोगों को जब अधिवक्ताओं द्वारा रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि वह एसओजी वाले हैं, कहीं भी कुछ भी कर सकते हैं, तुम कौन हो रोकने वाले। तभी वहां अधिवक्ता अरविंद वर्मा, प्रवेश रावत, विकास कुमार ने इस बात का विरोध किया तो एसओजी दरोगा व सिपाहियों ने अधिवक्ताओं से दुर्व्यवहार किया। साथ ही अपना रिवाल्वर निकाल कर देख लेने की धमकी दी। न्यायालय परिसर में काफी शोर होने के बाद अधिवक्ता पंकज भट्ट, अध्यक्ष अजय पंत और सुनील घिल्डियाल वहां पहुंचे और बड़ी मुश्किल से उनका बीच बचाव किया।

इस घटना की बार एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को भेजे ज्ञापन में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ 3 तीन दिन के अंतराल में कार्यवाही की मांग उठाई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तीन दिन में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, तो अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन में अध्यक्ष अजय कुमार पंत, उपाध्यक्ष अरविंद कुमार चौधरी, सचिव आशुतोष देवरानी, सहसचिव इंद्रेश भाटिया, कोषाध्यक्ष शोभा बहुगुणा भंडारी के हस्ताक्षर है।

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